मुख्यमंत्री चुनाव छोड़ आम जनता की चिंता करें-पप्पू यादव

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संवाददाता.पटना.बेतिया के भाजपा नगर अध्यक्ष कन्हैया गुप्ता की मौत कोरोना वायरस हो गई। उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत थी लेकिन अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट वेंटिलेटर देने के लिए 50,000 रुपये की मांग कर रहे थे। कन्हैया गुप्ता के बेटे रोते रहे लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। यदि सुप्रीटेंडेंट को एक सप्ताह के भीतर नहीं हटाया गया तो हम उच्च न्यायालय जायेंगे। जब सरकार अपने पार्टी के लोगों को नहीं बचा पा रही है और इस महामारी को कमाई का जरिया बना लिया है तो आम जनता की जान कैसे बचेगी?  उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो सांसद अपने क्षेत्र में अस्पतालों को सुदृढ़ नहीं कर सकता और पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं कर सकता उसे इस्तीफा दे देना चाहिए। बिहार में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कुल मिलाकर सिर्फ एक हजार वेंटिलेटर है। सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों को जबरदस्ती 11 दिनों में कोर्स पूरा करवा घर भेज दिया जा रहा है बिना यह जांच किये कि मरीज निगेटिव हुआ या नहीं। एम्स के नोडल पदाधिकारी ने जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया. पूरी व्यवस्था चर्मराई हुई हैं। मैं टेस्टिंग की संख्या को प्रतिदिन पचास हजार करने की मांग करता हूं. मैंने स्वास्थ्य मंत्री से भी मिलने का समय मांगा है।
सूबे के मुख्यमंत्री को घेरते हुए जाप अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार किसी भी तरह आनन-फानन में बस चुनाव करवाना चाहते हैं। एक तरफ कोरोना वायरस के मामले रोज़ तेजी से बढ़ रहे हैं और दूसरे बाढ़ ने जनता को बेहाल कर रख रहा है। गोपालगंज में 7 समेत राज्य भर में 23 बांध टूट चुके हैं। लेकिन मुख्यमंत्री फिर भी डिजिटल रैली कर रहे है। सिंचाई मंत्री संजय झा को तत्काल रूप से बर्खास्त किया जाये तथा पिछले 15 वर्षों में जितने भी सिंचाई मंत्री, पीडब्लूडी मंत्री, मुख्य अभियंताओं के संपत्ति की जांच होनी चाहिए।
जनता के लिए राशन और आर्थिक मदद की बात करते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित इलाकों में लोगों को न राशन मिल रहा है और न ही मोटरबोट की व्यवस्था की गई है। सरकारी कैंप और डॉक्टरों की तैनाती भी अभी तक नहीं की गई है। मैं सरकार से मांग करता हूं उत्तर बिहार के राज्यों को बाढ़ प्रभावित इलाका घोषित कर तत्काल रूप से राशन और प्रति परिवार बीस हजार रुपये की आर्थिक सहायता की जाए।

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