जानें…आईटी रिटर्न भरने में होने वाली दस गलतियां

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मो0 तसलीम उल हक.

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में अक्सर कुछ गलतियां ऐसी हो जाती है जिससे बेवजह परेशानियों का सामना करना पड़ता है.अक्सर दस ऐसी गलतियां होती है जिसपर ध्यान देने की जरूरत है।

  1. रिटर्न भरने में देरी
    इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी न करें और बेहतर यही रहेगा कि समय रहते रिटर्न फाइल कर दें। अगले साल से तो अगर रिटर्न समय पर फाइल नहीं करेंगे तो 5000 रुपये की पेनल्टी देनी होगी।
    2. रिटर्न फाइल करना –आमतौर पर लोग सोचते हैं कि अगर टैक्स की कोई देनदारी नहीं है, तो आईटी रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है। आप भी यही सोचते हैं तो आप गलत हैं। रिटर्न भरने से आजादी सिर्फ उन लोगों को है, जिनकी सालाना ग्रॉस इनकम बेसिक एग्जेंप्शन लेवल से कम है।
    3. आईटीआर फॉर्म गलत चुनना –आप देखें कि आपकी आय का जरिया क्या-क्या है। इनकम के अलग-अलग सोर्स के हिसाब से फॉर्म अलग-अलग हैं। किसे कौन-सा फॉर्म भरना है, इसके लिए बाकायदा नियम हैं। कई बार लोग गलत फॉर्म चुन लेते हैं। अपनी कैटिगरी के हिसाब से सही रिटर्न फॉर्म चुनें और उसे ही भरें। आपकी आमदनी यदि सिर्फ सैलरी से है तो ITR1 ही भरें, लेकिन यदि आमदनी का इसके अलावा भी कोई सोर्स है तो आपके लिए अलग फॉर्म होगा।
    4. सोचसमझकर करें फॉर्म पर साइन
    अगर आप खुद से फॉर्म नहीं भर रहे हैं तो सावधान रहें। अक्सर आपका अकाउंटेंट साइन कराकर खाली रिटर्न फॉर्म पर रख लेता है और बाद में उस फॉर्म को भरकर जमा कर देता है। खाली फॉर्म पर साइन न करें। फॉर्म भरने में अकाउंटेंट से गलती हो गई तो आपको ही दिक्कत होगी। इसलिए भरे हुए रिटर्न फॉर्म को अच्छी तरह जांचने के बाद ही उस पर साइन करें।
    5. ध्यान से भरें फॉर्म
    रिटर्न फॉर्म में पैन, आईएफएस कोड, अकाउंट नंबर, एम्प्लॉयर का टैन जैसी कुछ फिगर्स ऐसी होती हैं, जिन्हें भरते वक्त गलती होने की आशंका रहती है। इन नंबरों को ध्यान से भरें। फर्ज करें कि आपने अपने पैन का एक डिजिट गलत भर दिया। ऐसी स्थिति में आपका रिटर्न रिजेक्ट हो जाएगा और इसके लिए इनकम टैक्स विभाग आपके ऊपर जुर्माना लगा सकता है।
    6. वेरिफिकेशन नहीं तो अकनॉलिजमेंट जरूरी
    आप ई-फाइलिंग कर रहे हैं, लेकिन डिजिटल साइन व ई-वेरिफिकेशन का यूज नहीं कर रहे हैं, तो आपको रिटर्न का प्रिंट लेकर बेंगलुरु भेजना जरूरी है। अक्सर लोग अकनॉलिजमेंट भेजना भूल जाते हैं और रिटर्न रिजेक्ट हो जाता है। यह काम ऑनलाइन रिटर्न भरने के 4 महीने के भीतर कर लें। अकनॉलिजमेंट फॉर्म साधारण पोस्ट या स्पीड पोस्ट से ही भेजें।
    7. फॉर्म 16 जरूर लें
    अगर आपने फाइनैंशल इयर के दौरान नौकरी बदली है तो अपने दोनों एम्प्लॉयर से फॉर्म 16 जरूर ले लें। अपने पहले एम्प्लॉयर के साथ काम के दौरान की गई सेविंग्स और उससे हुई आमदनी अगर आपने अपने नए एम्प्लॉयर को नहीं बताई है तो हो सकता है कि वह कम टैक्स काटे। लेकिन याद रखिए कि यह चालाकी चलेगी नहीं। संभव है कि बाद में आपको कम काटा गया टैक्स ब्याज समेत भरना पड़ेगा। दरअसल, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 26 एएस से आपके रिटर्न को वेरिफाई कर सकता है। 26 एएस में आपके एडवांस टैक्स, मिले ब्याज, टीडीएस और आय के अन्य स्रोतों का विवरण रहता है।
    8. बैंक ब्याज का जिक्र जरूरी
    कई बार लोग फिक्स्ड डिपॉजिट और सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज का जिक्र अपने इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं करते हैं। उन्हें लगता है कि बैंक ने टीडीएस तो काट ही लिया है इसलिए उस आमदनी को रिटर्न में दिखाने की अब उन्हें कोई जरूरत नहीं। यह सोच पूरी तरह से गलत है। आपको ब्याज का पूरा विवरण देना चाहिए। 80C में शामिल फिक्स्ड डिपॉजिट टैक्स सेविंग में मदद करता है, लेकिन इस पर मिले ब्याज पर टैक्स देना होता है। ऐसे में ब्याज को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते।
    9. इनकम की क्लबिंग को नजरंदाज करना
    कई लोग वाइफ और बच्चों के नाम से भी इन्वेस्टमेंट करते हैं। आप अपनी वाइफ को कितनी भी रकम दे सकते हैं, लेकिन गिफ्ट की गई रकम को आप इन्वेस्ट करते हैं तो सेक्शन 64 सामने आ जाता है। इसके मुताबिक, गिफ्ट की गई रकम से कोई आमदनी होती है तो वह आपकी टैक्सेबल इनकम में जोड़ी जाएगी। इससे फर्क नहीं पड़ता कि पार्टनर को आमदनी होती है या नहीं।
    10. नोटबंदी में जमा रकम की जानकारी
    यदि आपने नोटबंदी में 2 लाख से ज्यादा डिपॉजिट किया है तो आपको अपने रिटर्न में इसे जरूर दिखाना चाहिए। आप इसे किसी भी हाल में छिपा नहीं सकते। आपको यह पता होना चाहिए कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास नोटबंदी के दौरान दो लाख रुपये या इससे ज्यादा रकम बैंक में जमा करने वाले सभी लोग की सूची है। गलत सूचना देने की स्थिति में आप पर पेनल्टी लगाने के साथ-साथ मुकदमा भी चलाया जा सकता है।

    पैन से ऐसे जोड़ें आधार को
    जिनके पास पहले से आधार है, वे इस बार पैन से आधार को लिंक किए बिना रिटर्न जमा नहीं करा पाएंगे। जानते हैं कि कैसे जोड़ें इन दोनों को:
    मोबाइल से
    आधार नंबर और पैन कार्ड को SMS से मेसेज भेजकर भी लिंक किया जा सकता है। इसके लिए फोन से कैपिटल लेटर में UIDPAN लिखने के बाद स्पेस देकर आधार नंबर और एक स्पेस देकर फिर पैन नंबर लिखें और 567678 या 56161 पर भेज दें। यह मेसेज उसी मोबाइल नंबर से भेजना होगा जो मोबाइल नंबर आधार कार्ड के साथ रजिस्टर है। जानकारियां मैच करने पर पैन और आधार लिंक हो जाएंगे।
    वेबसाइट से
    1. incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं।
    2. लेफ्ट साइड में Link Aadhaar नाम के लाल रंग के टैब पर क्लिक करें।
    3. यहां पर आपको पैन नंबर, आधार नंबर और अपना नाम भर कर कैप्चा भर कर Link Aadhaar पर क्लिक करें।
    4. अगर नाम में थोड़ा बहुत मिसमैच है तो पोर्टल की तरफ से ओटीपी आएगा और उसे भरने के बाद सेव करने पर आधार और पैन लिंक हो जाएगा।

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