फर्मासिस्ट एवं एएनएएम ने वेतन विसंगतियों का किया विरोध

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संवाददाता.दानापुर.राज्य के फर्मासिस्ट एवं एएनएएम,  सरकार की दोहरी नीति से उपेक्षित मह्सूस कर रहे है। इस का विरोध कोविद-19 के स्क्रीनिग में दानापुर रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी दे रहे दर्जनो फर्मासिस्ट और एएनएएम ने काला बिल्ला लगाकर सरकार से अपनी समस्या बतायी।

अखिल भारतीय फर्मासिस्ट एसोसिएशन,बिहार के सचिव विकास कुमार का कहना है कि आयुष चिकित्सक,फर्मासिस्ट एवं एएनएएम की बहाली एक ही विज्ञापन ,एक ही परीक्षा तथा एक ही कार्य के लिये वर्ष 2015 में बिहार सरकार द्वारा आरबीएसके कार्यक्रम में की गयी थी।परंतु केवल आयुष डॉक्टरों का वेतनमान 20000 रूपये से बढाकर 44000 रूपये कर दिया गया , जबकी फर्मासिस्ट एवं एएनएएम  को अल्प वेतन पर ही छोड़  दिया गया ।फर्मासिस्ट को मात्र 12000 रुपये एवं को एएनएएम मात्र  11500 रुपये भुगतान हो रहा है।इतने कम मानदेय में इन स्वस्थ्य कर्मियो का गुजर बसर करना तक मुश्किल है।जबकि आरबीएसके के फर्मासिस्ट एवं एएनएएम अपने काम के जज्बे के कारण स्वास्थ्य विभाग के रीढ की हड्डी बन चुके है।बाढ आपदा,प्रकाश पर्व,छठ पूजा,दुर्गा पूजा,नशा मुक्ति,मेअस्लेस रुबेला अभियान मे इन्होने अत्यंत ही सरहनीय कार्य करते हैं | जिसका विभाग के वरीय अधिकारियो का अनुमोदन प्राप्त है।इसके बाबजूद बिहार सरकार द्वारा इनके मानदेय समान्जनक बढोतरी नही करने के कारण सारे फर्मासिस्ट एवं  एएनएएम हताश और निराश हो चुके है।

इनकी मांग है की आरबीएसके फर्मासिस्ट को बिहार सरकार के संविदागत फर्मासिस्ट के बराबर 37000 रुपये एवं आरबीएसके एएनएएम को बिहार सरकार के संविदागत के बराबर एएनएएम को 27300 रुपये का भुगतान दिनांक 07 दिसम्बर 2018 से अविलंब किया जाये।

 

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