बिहार में डीआरडीओ दो अस्थायी कोविड-19 अस्पताल करेगा तैयार

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संवाददाता.पटना.केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बिहार में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ द्वारा बनाए जाने वाले दो अस्थायी कोविड अस्पताल की कार्य प्रगति से अवगत हुए। उन्होंने डीआरडीओ चेयरमैन डॉक्टर जी सतीश रेड्डी से फोन पर बातचीत की। तैयारियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की।

कोविड-19 के विरुद्ध जंग में डीआरडीओ बिहार के 2 बड़े शहर पटना एवं मुजफ्फरपुर में 500-500 बेड का अस्थायी कोविड-19 अस्पताल बनाने जा रहा है। इसके लिए भूमि निरीक्षण का कार्य संपन्न हो चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री चौबे को डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ रेड्डी ने अवगत कराया कि दोनों जगह 125-125 सभी सुविधाओं से युक्त आईसीयू बेड तैयार किया जाएगा। दोनों अस्थायी कोविड-19 अस्पताल में डिफेंस के डॉक्टर एवं पारा मेडिकल स्टाफ होंगे। कार्यों को मूर्त रूप दिया जा रहा है। यथाशीघ्र दोनों जगह अस्थायी अस्पताल बनकर शुरू हो जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि “कोविड-19 के रोकथाम के लिए बिहार सरकार पूरी मुस्तैदी से जुटी हुई है। केंद्र सरकार हर संभव मदद उपलब्ध करा रही है। जिस तरह दिल्ली में डीआरडीओ ने कोविड-19 के विरुद्ध जंग में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था। उसी तर्ज पर जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। जनता के लिए यह वरदान साबित होगा। दोनों अस्थायी अस्पतालों से काफी मदद मिलेगी”। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री एवं गृह मंत्री का आभार व्यक्त किया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा है कि सुशांत सिंह एवं उनके परिवार को न्याय मिले इसके लिए महाराष्ट्र सरकार को जांच की गति तेज करनी चाहिए। पूरा देश यह जानना चाहता है कि आखिर वह कौन सी परिस्थिति थी, जिस वजह से होनहार अभिनेता सुशांत सिंह ने इतना बड़ा कदम उठा लिया।

श्री चौबे ने राफेल के भारत आगमन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय वायु सेना की ताकत कई गुना अधिक बढ़ गई है। इससे हिंदुस्तान की सुरक्षा और अधिक मजबूत हुई है।दशकों से लंबित भारतीय वायुसेना को आज वह ब्रह्मास्त्र मिला है। जिसका इंतजार काफी समय से पूरे देश को था। राफेल अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों के पहले जत्थे का भारत में आगमन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की कुशल रणनीति, विदेश नीति का नायाब उदाहरण है।

 

 

 

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