इलास्टोग्राफी पर दो दिवसीय कार्यशाला

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इलास्टोग्राफी: ब्रेस्ट कैंसर जांच में 91 प्रतिशत सफलता

संवाददाता, पटना।

मगध सोसायटी ऑफ अल्ट्रासाउंड इन मेडिसिन एंड बायोलॉजी की ओर से चाणक्य होटल, पटना में नई आधुनिक तकनीक इलास्टोग्राफी पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस कार्यशाला में देशभर से आए 150 से अधिक रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञों ने भाग लिया।

ब्रेस्ट कैंसर की जांच में नई उम्मीद

कार्यशाला में शामिल चिकित्सकों ने बताया कि यदि ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी का समय पर पता चल जाए और सही पहचान हो, तो इसका इलाज संभव है।

विशेषज्ञों के अनुसार, इलास्टोग्राफी जांच ब्रेस्ट कैंसर की पहचान में 91 प्रतिशत तक कारगर साबित हुई है।

इलास्टोग्राफी: आधुनिक और सुरक्षित तकनीक

कार्यक्रम के आयोजन सचिव एवं बिहार के जाने-माने अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ डॉ. रवि प्रकाश ने बताया कि इलास्टोग्राफी एक नई और आधुनिक तकनीक है।

इस जांच में किसी प्रकार का ऑपरेशन नहीं किया जाता और पूरी प्रक्रिया केवल 15 से 20 मिनट में पूरी हो जाती है।

इसके अतिरिक्त, इस जांच के दौरान कोई रेडिएशन नहीं होता, जिससे यह पूरी तरह सुरक्षित और किफायती है।

इस तकनीक की मदद से ब्रेस्ट में ट्यूमर या गांठ का आकार, प्रकार और प्रकृति का पता लगाया जा सकता है।

यह भी जाना जा सकता है कि गांठ कितनी सख्त या ठोस है, जिससे निदान और उपचार में सहायता मिलती है।

विशेषज्ञों के विचार और अनुभव साझा

सम्मेलन में दिल्ली के प्रसिद्ध रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अशोक खुराना ने कहा कि ऐसे आयोजन नए चिकित्सकों को अद्यतन जानकारी प्रदान करते हैं।

डॉ. प्रवीण कुमार ने लीवर इलास्टोग्राफी पर विस्तृत जानकारी दी।

मुंबई के डॉ. चंदर लूला ने बच्चों के रीढ़ और आंत की बीमारियों पर चर्चा की।

हैदराबाद के डॉ. टी.एल.एन. प्रवीण ने भ्रूण के हृदय रोग पर कार्यशाला ली।

वहीं बेंगलुरु के डॉ. वी.एस. रामामूर्ति ने भ्रूण के मस्तिष्क संबंधी रोगों के निदान और उपचार पर जानकारी दी।

देशभर के विशेषज्ञों की भागीदारी

लखनऊ के डॉ. पी.के. श्रीवास्तव, दिल्ली की डॉ. मंजुला, और भुवनेश्वर के डॉ. रजत रे सहित अन्य विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किए।

इस अवसर पर पटना के प्रथम अल्ट्रासाउंड चिकित्सक डॉ. प्रगति सिन्हा, डॉ. ओम प्रकाश, डॉ. अशोक मंडल, और डॉ. बिम्मी कुमारी भी उपस्थित थे।

छात्रों की सक्रिय भागीदारी

कार्यशाला में मेडिकल के छात्रों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।

उन्होंने आधुनिक तकनीकों को समझने में गहरी रुचि दिखाई और विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया।

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