स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण, कार्यारंभ एवं शिलान्यास

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health department

संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की कई योजनाओं का लोकार्पण, कार्यारंभ एवं शिलान्यास किया। उन्होंने राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के परिसर में टेलीमेडिसिन स्टूडियो (ई-संजीवनी) का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने टेलीमेडिसिन स्टूडियो (ई-संजीवनी) का निरीक्षण किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री परिसर में निर्माणाधीन स्वास्थ्य भवन का भी निरीक्षण किया।
इसके पश्चात् राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के सभागार में मुख्यमंत्री ने 1919 करोड़ 95 लाख रुपए की लागत से 772 विभिन्न योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास कार्यारम्भ, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने जमुई में लगभग 500 करोड़ रुपए की लागत से बननेवाले मेडिकल कॉलेज और हॉस्पीटल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया ।
       इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज कई योजनाओं का शिलान्यास, कार्यारम्भ, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया गया है। इसके संबंध में विस्तृत जानकारी आपलोगों को दी गई है। उन्होंने कहा कि जब से हमलोगों को काम करने का मौका मिला है, तब से सभी क्षेत्रों में विकास का काम किया जा रहा है। शुरुआत में हमने समाचार माध्यमों से कहा था कि स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी चीजों को प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा तो लोगों में इसके प्रति जागरुता आएगी। उस समय आज की तरह आधुनिक तकनीक नहीं थी लेकिन उस समय समाचार पत्रों के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जा रहे कामों की चर्चा होती थी, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी मिलती थी और उससे फायदा होता था।
वर्ष 2005 में सरकार में आने के बाद सर्वे कराया, जिसकी रिपोर्ट फरवरी 2006 में आयी। सर्वे से पता चला कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक माह में 39 लोग इलाज के लिए लोग आते थे। स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कदम उठाए गए और अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लोग 10 हजार लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। सातों दिन, 24 घंटे, लोगों का ट्रीटमेंट शुरु किया गया था। लैंडलाइन टेलीफोन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग और मुख्यमंत्री सचिवालय से जानकारी ली जाती थी। उन्होंने कहा कि लैंडलाइन टेलीफोन को अब भी फंक्शनल रखें। लोक निजी साझेदारी के तहत एक्सरे, साफ सफाई, मेंटेनेंस की सुविधाएं मुहैया करायी गई थीं। सभी अस्पतालों में हॉस्पीटल मैनेजर रखा गया। हमलोगों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक मुफ्त दवा की व्यवस्था करायी। तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत जी से पटना केगार्डिनर अस्पताल में कार्यक्रम आयोजित कर मुफ्त दवा उपलब्ध कराने की शुरुआत करायी गई।
     मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छह बेडों का था, जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिणत कर 30 बेडों की व्यवस्था की जा रही है। बिहार में पहले छह सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, जबकि 2 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज थे। अब राज्य में 11 सरकारी मेडिकल कॉलेज और 6 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज यानि कुल 16 मेडिकल कॉलेज हैं। हमलोगों ने आई०जी०आई०एम०एस० में भी काफी काम कराया। अब इसे 2500 बेडों वाला अस्पताल बनाया जा रहा है। पहले कोई यहां इलाज के लिए नहीं आना चाहता था लेकिन यहां की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था एवं सुविधा के लिए काफी लोग आते हैं और उनका बेहतर इलाज हो रहा है। पटना में एम्स का निर्माण कराया गया। दरभंगा में भी एम्स का निर्माण कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्र में इलाज के लिए आनेवाले लोगों को बेहतर इलाज के लिए विशेषज्ञों के माध्यम से टेलीमेडिसिन द्वारा परामर्श देने का काम प्रारंभ किया गया है। सिटी स्कैन, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, डायलिसिस सहित मरीजों को हर प्रकार की सुविधाएं सभी जिला अस्पतालों में उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण अस्पताल राजवंशी नगर में हड्डी संबंधित बीमारी के उपचार के लिए इसे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया गया। राजेंद्र नगर में आंख की चिकित्सा को बेहतर बनाने के लिए राजेंद्र अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया गया। गार्डिनर रोड वाले अस्पताल को भी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जा रहा है। पटना के इन तीन सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में अलग डायरेक्टर होंगे, यह स्वायत अस्पताल होगा, जो यह स्वास्थ्य विभाग से डायरेक्ट रूप से जुड़ा होगा। सात निश्चय -1 के तहत सभी जिलों में जी०एन०एम० संस्थान, पारा मेडिकल संस्थान, सभी अनुमंडलों में ए०एन०एम० संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। सात निश्चय – 2 के अंतर्गत टेलीमेडिसिन की शुरुआत की गई है। बाल हृदय योजना की शुरुआत फरवरी माह में शुरू की गई है। अब तक 264 बच्चों का इस योजना के तहत इलाज कराया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुजफ्फरपुर में एक प्राइवेट अस्पताल में हाल ही में आंखों के इलाज के दौरान मरीजों के आंखों की रौशनी चली गई। यह बेहद दुखद है। प्राइवेट अस्पतालों को ठीक से काम करना होगा। हमलोग इस घटना की जांच करवा रहे हैं जो भी दोषी पाए जाएंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की आंखें चली गईं है राज्य सरकार की तरफ से पीड़ितों को सहायता दी जाएगी।पटना के एम्स में इलाज कराने आनेवाले मरीजों के परिजनों के लिए एम्स के पास ही राज्य सरकार की तरफ से रोगी परिचारी गृह का निर्माण कराया जायेगा। एम्स के एक्सपेंशन के लिए भी हमलोग जमीन उपलब्ध कराएंगे। शिशु रोग अतिविशिष्ट अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा। आयुष प्रक्षेत्र में भी बेहतर काम किया जा रहा है। अब नई तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित एवं नियंत्रित किया जाएगा।
उन्होंने चिकित्सकों से निवेदन करते हुए कहा कि बिहार में रहिए, बिहार की सेवा कीजिए। हमलोग इलाज के साथ-साथ चिकित्सकीय शिक्षा के क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, अधिकारी, कर्मियों ने कोरोना काल में काफी बेहतर काम किया है। कोरोना से मृत्यु होने पर उनके परिजनों को 4 लाख रुपए की सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के तहत कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए सहायता की जाती है। इसके तहत कुछ और बीमारियों को शामिल करने के लिए समीक्षा की जाएगी। हमलोग हर प्रकार से लोगों की मदद करते हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे फेज की बात की जा रही है। कई विकसित देशों में कोरोना के नए वेरियंट ओमीक्रॉन के केस बढ़ रहे हैं। अपने देश में और राज्य में भी इसको लेकर सतर्कता बरती जा रही है। हमलोग सभी प्रकार के इंतजाम किए हैं। इसको लेकर सरकार पूरी तरह से सतर्क है। कोरोना जांच प्रतिदिन लगभग 2 लाख किए जा रहे हैं। देश में 10 लाख की आबादी पर जितनी औसत जांच की जा रही है, उससे बिहार में की जा रही जॉच अधिक है। आज सुबह तक 9 करोड़ 1 लाख 56 हजार 334 कोरोना टीका के डोज दिए जा चुके हैं। हमलोग पिछड़े राज्य होते हुए भी विकास के कई काम कर रहे हैं। हमलोगों की आबादी अधिक है और क्षेत्रफल कम है इसलिए हमलोग पिछड़े राज्य हैं। पटना में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं इसको लेकर हमलोग सतर्क हैं। उन्होंने कहा कि हमलोग सबके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए निरंतर काम करते रहेंगे ताकि सभी लोग सुरक्षित रहें।
कार्यक्रम को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी,स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव  प्रत्यय अमृत ने संबोधित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव  प्रत्यय अमृत ने पौधा भेंटकर किया।
मुख्यमंत्री ने 9 स्वास्थ्यकर्मियों (चिकित्सक, ए०एन०एम०, लैब टेक्नीशियन एवं कोल्ड चेन टेक्नीशियन) को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बेहतर कार्य किए जाने वाले जिलों को भी सम्मानित किया। इसमें प्रथम डोज के लिए पूर्णिया, सहरसा, गया, पटना एवं सीवान को, जबकि दूसरे डोज के लिए सहरसा, गोपालगंज, सीवान, पूर्वी चंपारण एवं पश्चिमी चंपारण को सम्मानित किया गया।
कोरोना काल में बेहतर कार्य करने के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष सचिव सह कार्यपालक निदेशक राज्य आयुष समिति अरविंदर सिंह, अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति अनिमेश कुमार पराशर, ओ०एस०डी० स्वास्थ्य विभाग रेणु देवी, असिस्टेंट डायरेक्टर राज्य स्वास्थ्य समिति मनीष रंजन, स्टेट प्रोग्राम मैनेजर, राज्य स्वास्थ्य समिति विवेक कुमार सिंह, पी०एम०यू० हेल्थ डिपोर्टमेंट धन्या शशि, पी०एम०यू० हेल्थ डिपोर्टमेंट सना जैन को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने बिहार राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के ‘डिजिटल बल्ड डोनर कार्ड को रक्तदाता मुंगेर के पत्रकार त्रिपुरारी कुमार मिश्रा, सीतामढ़ी की चिकित्सक डॉ० प्रतिमा आनंद को वितरित किया ।
कार्यक्रम के दौरान कॉफी टेबल बुक मीमांशा – 2021’ का मुख्यमंत्री ने विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, बिल एंड गेट्स मिलिंडा फाउंडेशन के कंट्री हेड हरि मेनन, अपर सचिव स्वास्थ्य कौशल किशोर, अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति केश्वेंद्र कुमार, अपर कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति अनिमेश कुमार पराशर सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, सांसद चिराग पासवान, विधायक दामोदर रावत, विधायक श्रेयसी सिंह, अन्य सांसदगण, विधायकगण, विधान पार्षदगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुए थे।

 

 

 

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