सीआईएमपी में सीएसआर पर दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ

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संवाददाता.पटना.बिहार के प्रमुख प्रबंधन संस्थान चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट पटना के सेंटर फॉर सीएसआर स्टडीज के तत्वाधान में शनिवार को दो दिवसीय (11-12 दिसंबर) अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस ‘इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑन कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी इन्क्लूसिव डेवलपमेंट एंड वेलफेयर 2021’ का शुभारंभ हुआ। इस अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस का उद्घाटन भारत में सीएसआर के जनक कहे जाने वाले डॉक्टर भास्कर चटर्जी ने ऑनलाइन किया।
इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन सेंटर फॉर सीएसआर स्टडीज ने कराया है।इस मौके पर कॉन्फ्रेंस के संरक्षक डॉ वी मुकुंदा दास,निदेशक,सीआईएमपी ने पटना में हो रहे इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस को बिहार के लिए एक नई पहल बताया और सीएसआर के जरिए समाज में व्याप्त असमानता को कम करने की बात कही। कॉन्फ्रेंस के एकेडमिक कोऑर्डिनेटर डॉ जोश कलापुरा डायरेक्टर निदेशक,एक्सआईएसआर ने सीएसआर को भारतीय सभ्यता से जोड़ते हुए कहा सर्वे भवंतू सुखिन: और वसुधैव कुटुंबकम जैसे सिद्धांत ही सीएसआर की नींव है। सीआईएमपी के सेंटर फॉर सीएसआर स्टडीज के एडवाइजर आनंद माधव ने भी भास्कर चटर्जी का विशेष स्वागत करते हुए कॉन्फ्रेंस के विषय बिंदु पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान भास्कर चटर्जी ने भारत में सीएसआर की यात्रा पर अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। उन्होंने थर्ड पार्टी के जरिए सीएसआर प्रोजेक्ट के इंपैक्ट एसेसमेंट की बात कही।
उन्होंने सीएसआर से जुड़े थियोरेटिकल और एक्शन रिसर्च को महत्वपूर्ण बताया, साथ ही इस कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किए सभी रिसर्च पेपर को इस दिशा में फीडबैक का महत्वपूर्ण जरिया बताया।उन्होंने बिहार में सीएसआर की मशाल को आगे बढ़ाने के लिए सीआईएमपी के सेंटर फॉर सीएसआर स्टडीज की विशेष सराहना की।  कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधन करते हुए विश्व के जाने-माने सीएसआर प्रोफेशनल और द सीएसआर कंपनी इंटरनेशनल के संस्थापक मैकमार्टिन न्यूरेटर ने ऑस्ट्रिया से ऑनलाइन संबोधित किया ।उन्होंने इस दौरान सीएसआर को सस्टेनेबिलिटी हासिल करने का एक टूल बताया। उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त कि भारत में सीएसआर को दान के रूप में देखते हैं।
इस अवसर पर मार्टिन ने सीआईएमपी की सराहना करते हुए सेंटर फॉर सीएसआर स्टडीज की स्थापना हेतु धन्यवाद दिया।अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में आज 2 तकनीकी सत्र आयोजित किए गए।जिसमें प्रथम सत्र की अध्यक्षता हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के फुलब्राइट प्रोसेसर मनीष कुमार पांडेय ने की। इसमें कुल 8 पेपर प्रस्तुत किए गए । द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स,भारत सरकार के सेंटर फॉर e2e इन सीएसआर के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने किया।इसमें कुल 7 पेपर प्रस्तुत किए गए।कांफ्रेंस मे पेपर प्रस्तुत करने वालों में देश विदेश से शैक्षणिक, सीएसआर प्रोफेशनल, कंपनी प्रोफेशनल एवं समाजसेवी संस्था से जुडे लोगो ने भाग लिया।
अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के दूसरे दिन(12 दिसंबर) के तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ राणा सिंह, कुलपति,संस्कृति विश्वविद्यालय के द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही समापन समारोह के पहले एक पैनल डिस्कशन का आयोजन भी कराया जा रहा है। जिसमें इंडिया सीएसआर के संस्थापक रूशेन कुमार,रेकिट बेंकाइजर के निदेशक,सीएसआर रवि भटनागर एवं संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राणा सिंह शामिल होगें।सीएसआर स्टडीज के सलाहकार आनंद माधव परिचर्चा का संचालन करेंगे।समापन समारोह के मुख्य वक्ता रैकिट्ट बेंकाइजर के निदेशक,सीएसआर रवि भटनागर होंगे।समापन समारोह में बेस्ट पेपर अवार्ड भी दिया जाएगा।

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