दिसंबर तक राज्य में सभी को लग जाएगा टीका का पहला डोज

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संवाददाता.पटना. बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में आयोजित राज्य के मंत्रियों की समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और सुदृढ़ीकरण सहित टीकाकरण को लेकर विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई।बैठक में बिहार में दिसंबर तक कोरोना टीका का पहला डोज का सौ फीसदी पूर्ण करने और दूसरा डोज का प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार सूबे में दोनों डोज के शत-प्रतिशत टीकाकरण को लेकर गंभीर है। साथ ही इमरजेंसी कोविड रिसपोंस पैकेज (इसीआरपी) के तहत केंद्र सरकार द्वारा पर्याप्त राशि भी आवंटित की जा रही है। समीक्षा बैठक में कोरोना की संभावित अगली लहर को देखते हुए पिछले साल की तरह राज्यों को सतर्क रहने को कहा गया है। आने वाले त्योहार एवं वैवाहिक कार्यक्रमों के अलावे अन्य समारोहों सहित धार्मिक स्थलों, शॉपिंग मॉल और बाजारों में सावधानी बरतने पर भी विशेष जोर दिया जाय, ताकि लोग संक्रमण से बच सकें।
    साथ ही बैठक में दिसंबर तक कोरोना टीका का पहला डोज का सौ फीसदी पूर्ण करने और दूसरा डोज का प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा डोर-टू-डोर दूसरे डोज से वंचित लोगों का सर्वे किया जा रहा है। बिहार में पहला डोज से छूटे और दूसरा डोज नहीं लेने वालों के लिए मतदाता सूची के आधार पर सर्वे का काम पूर्व से चल रहा है। समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष मेगा अभियान चला कोरोना टीकाकरण की संख्या भी बढ़ायी जा रही है।
श्री पांडेय ने कहा कि इमरजेंसी कोविड रिसपोंस पैकेज (इसीआरपी) फेज-2 के तहत बिहार को करीब साढ़े 13 सौ करोड़ रुपये मिलना है। इस मद में से राज्य स्वास्थ्य समिति को लगभग 860 करोड़ रुपये मिल चुका है। इसीआरपी फेज-2 स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ-साथ पीडियाट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर एवं रेफरल ट्रांसपोर्ट पर केंद्रित होगा। इसके अलावे प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत इस वर्ष इस 1116 करोड़ रूपये की योजना स्वीकृत हुई है। 2025 तक बिहार को 62 सौ करोड़ रुपये मिलना है। इस राशि का उपयोग शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए डायग्नॉस्टिक सेवाओं को विकसित करने एवं प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का शहरी क्षेत्र में विकेंद्रीकृत करने में किया जायेगा। प्रत्येक 15 हजार शहरी आबादी पर एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित होगा।
श्री पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदत राशि से शहरी क्षेत्रों के अलावे ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर किया जायेगा। उप स्वास्थ्य केंद्रों और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए नये भवनों का निर्माण उन जगहों पर किया जायेगा, जहां मौजूदा भवन उपलब्ध नहीं है। साथ ही इस राशि को प्रखंड जन स्वास्थ्य इकाइयों के माध्यम से रोगों की निगरानी और जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला को प्रखंड स्तर पर विकसित करने के अलावे इस राशि को स्वास्थ्य उपकेंद्रों और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डायग्नॉस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में लगाया जायेगा।

 

 

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