हर मामले में महिलाएं आत्मनिर्भर एवं स्वतंत्र –सुप्रिया

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संवाददाता.खगौल.वैश्विक महामारी कोरोना संकट के दौरान खास कर रेल कार्यों की जिम्मेदारियों को कर्तव्यनिष्ठ होकर निभाते हुए,जरूरतमंद मानव समाज के हित में निःस्वार्थ भाव से एक सच्चे कोरोना योद्धा के रुप में एक दूसरे के साथ कदम से कदम मिला कर काम करने वाली महिलओं को सम्मान देने के लिए ‘महिला सम्मान दिवस’ का आयोजन किया गया है |  इसका आयोजन सोशल डिस्टेन्स और सरकार और प्रशासन के गाईडलाईन को अपनाते हुए हर्षोल्लास के साथ महिला कल्याण संगठण,दानापुर की ओर से खगौल स्थित रेल सदन  में मंडल में कार्यरत महिला रेलकर्मियों साथ मिलकर मनाया।

इस मौके पर पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन ,दानापुर की अध्यक्षा सुप्रिया ने अपने संदेश में कहा कि आज की महिलाएँ निर्भर नहीं हैं,बल्कि वह हर मामले में आत्मनिर्भर और स्वतंत्र हैं और पुरूषों के बराबर सब कुछ करने में सक्षम भी हैं। हमें महिलाओं का सम्मान जेंडर के कारण नहीं,बल्कि स्वयं की पहचान के लिए करना होगा।हमें यह स्वीकार करना होगा कि घर और समाज की बेहतरी के लिए पुरूष और महिला दोनों समान रूप से योगदान करते हैं। जीवन को धरातल पर लानेवाली भी महिला ही हैं। हर महिला विशेष होती हैं,चाहे वह घर पर हो या कार्यालय में।नारी सृष्टिकर्ता की सर्वोत्तम कृति होती हैं,वह सृष्टि के सम्पूर्ण सौन्दर्य को आत्मसात किए रहती हैं। किसी भी समाज की उन्नति उस समाज की औरतों की उन्नति से मापी जा सकती है।

मुख्य अतिथि के रूप में दानापुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक  सुनील कुमार ने कहा कि रियल मायने में कोरोना वारियर्स तो आप ही लोग हैं, आज हमारे कार्यालय में भी महिलाएँ कन्धे से कन्धा मिलाकर चल रहीं हैं, यहाँ तक कि रेल परिचालन, सुरक्षा, सहित सभी क्षेत्रों में अपनी सहभागिता शानदार रूप से निभा रहीं हैं। सभी को बधाई एवं शुभकामना। इस अवसर पर महिला कल्याण संगठन दानापुर की अध्यक्षा सुप्रिया के द्वारा 800 कॉपर  वाटर बोतल उपहार स्वरूप मंडल में कार्यरत महिला रेल कर्मियों को वितरित कीं।  कार्यक्रम का संचालन करते हुए सुरजीत सिंह, वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी ने कहा कि ,यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमंते तत्र देवता अर्थात जहाँ नारियों की पूजा की जाती है वहाँ देवता निवास करते हैं। नारी ने हमेशा से परिवार संचालन का उत्तरदायित्व सम्भालते हुए समाज निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस मौके पर रूचि आचार्या झा अनुभा मौर्या, गौरी वर्मा, सुमी, भानु, माया, रूबी कुमारी एवं वहिदा आदि उपस्थित थीं । धन्यवाद ज्ञापन  रूचि आचार्या झा ने दीं।

 

 

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