कोविड-19:एंटीजन टेस्टिंग अब टारगेट बेस्ड नहीं होगा,डिमांड बेस्ड होगा

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संवाददाता.पटना.वीडियो कॉंन्फ्रेसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद में सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार, सचिव जल संसाधन संजीव हंस एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन  रामचंद्र डू ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।

सचिव, सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार ने बताया कि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति को लेकर माननीय मुख्यमंत्री तथा मुख्य सचिव के द्वारा नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है और सभी आवश्यक निदेश दिये जा रहे हैं। आज भी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक हुई है, जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि एंटीजन टेस्टिंग अब टारगेट बेस्ड नहीं होगा बल्कि यह डिमांड बेस्ड होगा। आज से सभी अनुमंडल अस्पतालों में ऑन डिमांड एंटीजन टेस्टिंग की सुविधा प्रारंभ हो गयी है और स्वास्थ्य विभाग को यह लक्ष्य दिया गया है कि इस सप्ताह के अंत तक सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ऑन डिमांड एंटीजन टेस्टिंग की सुविधा शुरू हो जाय ताकि सिम्टोमैटिक लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अपनी इच्छानुसार टेस्टिंग करा सकें। उन्होंने बताया कि कोविड-19 को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है और इसमें अब प्राइवेट सेक्टर को भी शामिल किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में प्राधिकृत किया गया है ताकि वे अपने जिले के स्वास्थ्य संस्थान में कोविड-19 से संबंधित इलाज और अन्य कार्यों की व्यवस्था सुनिश्चित करा सकें।

सचिव, सूचना ने बताया कि कोविड केयर सेंटर्स और कोविड हेल्थ सेंटर्स में सभी सुविधाएं निर्बाध रूप से फंक्शनल रहे, इसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है। यदि किसी व्यक्ति में गंभीर लक्ष्ण पाए जायेंगे तो उन्हें डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल्स में रेफर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोविड-19 का जो ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल है, इससे संबंधित ट्रेनिंग पुनः चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ्स को कराने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को बेड्स की संख्या और अधिक बढ़ाने के लिए कहा गया है।      स्वास्थ्य विभाग द्वारा हेल्पलाइन नंबर्स भी जारी किये जा रहे हैं, जिसके माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि लोग फोन के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी सलाह ले सकें। कई जिलों में टेली मेडिकल काउंसिलिंग भी प्रारंभ की गयी है। स्वास्थ्य विभाग को यह निर्देशित किया गया है कि कंटेनमेंट जोन में जो हाई रिस्क कान्टैक्ट हैं, उन सभी की टेस्टिंग सुनिश्चित हो। हॉस्पिटल्स में ‘मे आई हेल्प यू’ बूथ या प्रापर रिसेप्शन प्वाईंट की स्थापना कराने का भी आज निर्णय लिया गया है ताकि लोगों को जानकारी प्राप्त करने में या अपनी बात कहने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी।

सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि बिना लक्षण वाले कोविड पॉजिटिव व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में रखने की सुविधा प्रदान की जाती है लेकिन जिन कोविड पॉजिटिव व्यक्तियों के घर में परिवार के अन्य सदस्यों से स्वयं को पृथक रखने की सुविधा नहीं है, उन्हें डिस्ट्रिक्ट कोविड केयर सेंटर में रखा जा रहा है। होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों का मेडिकल टीम के द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है और यदि स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या आती है तो उन्हें इलाज के लिए मेडिकल संस्थान में एडमिट कराया जाता है। उन्होंने बताया कि अब एक नयी व्यवस्था शुरू की गयी है। ए0एन0एम0सी0एच0 गया, जे0एल0एन0एम0सी0एच भागलपुर एवं एन0एम0सी0एच0, पटना पहले से ही डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल घोषित हैं। इसके अलावा अन्य छह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में भी एक अलग ब्लॉक चिन्हित करके उसमें ऑक्सीजन के साथ 100 बेड्स की व्यवस्था की गयी है और इन अस्पतालों से जिलों को जोड़ दिया गया है कि किस जिले का मरीज किस अस्पताल में अपना इलाज करा सकेंगे। इससे रेफरल की व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी और प्रबंधकीय समस्या भी नहीं होगी। सरकार द्वारा सभी मेडिकल कॉलेजों के अनुश्रवण की जिम्मेदारी प्रमंडलीय आयुक्त को सौपी गयी है। इसके अतिरिक्त पदाधिकारियों एवं चिकित्सकों का दल बनाया गया है जो अस्पताल में कोविड-19 के चल रहे इलाज का अनुश्रवण करेंगे।

अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय  जितेन्द्र कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू अनलॉक-2 के तहत जारी गाइडलाइन का अनुपालन कराया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 05 कांड दर्ज किया गया है और 03 व्यक्तियों की गिरफ्तारी भी हुई है।पिछले 24 घंटे में मास्क नहीं पहनने वाले 6,326 व्यक्तियों से 03 लाख 16 हजार 30 रूपये की राशि जुर्माने के रूप में वसूल की गयी है। कोविड-19 से निपटने के लिये उठाये जा रहे कदमों और नये दिशा-निर्देशों का पालन करने में अवरोध पैदा करने वालों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाये जा रहे हैं।

जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने राज्य के विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र के 22 स्टेशनों का विश्लेषण किया गया है, जिसके अनुसार गंडक का डिस्चार्ज इस सीजन का सबसे ज्यादा आज सुबह 10 बजे 4,36,500 क्यूसेक था। इसके बाद इसमे गिरावट दर्ज की गई है और अभी डिस्चार्ज लगभग 4,16,000 क्यूसेक पर स्थिर है। इसको लेकर बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, छपरा और वैशाली के जिला प्रशासन को अलर्ट किया गया है। । बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। इसके अलावा बागमती और अधवारा समूह की नदियों में भी पिछले 24 घंटे में काफी अधिक बारिश हुई है। 10 स्टेशनों में से 4 स्टेशन पर लगातार दूसरे दिन अधिक बारिश हुई है। इसको लेकर सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और खगड़िया जिले को अलर्ट किया गया है। कमला बलान नदी के क्षेत्र में भी पिछले 24 घंटे में काफी बारिश हुई है। कोसी नदी के क्षेत्र में भी पिछले 24 घंटे में फिर से बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटे में बिहार के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। उन्होंने बताया कि राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित हैं, सतत् निगरानी एवं चैकसी बरती जा रही है।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव  रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। गंडक नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में अधिक वर्षा हुई है जिसे ध्यान में रखते हुए पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण को अलर्ट कराया गया है। बेतिया, गोपालगंज, छपरा, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी में पहले से ही एक-एक एन0डी0आर0एफ0 की टीम प्रतिनियुक्त है। इसके अलावा मुजफ्फरपुर एवं वैशाली में एक-एक एस0डी0आर0एफ0 टीम की तैनाती की गयी है। गोपालगंज में एन0डी0आर0एफ0 की दो टीम, छपरा, बेतिया एवं मोतिहारी में एक-एक टीम की तैनाती की गयी है। एस0डी0आर0एफ0 की एक अतिरिक्त टीम भी मोतिहारी में लगायी गयी है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 8 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, एवं पूर्वी चम्पारण के कुल 34 प्रखंडों की 190 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। सुपौल में 02 और गोपालगंज में 03 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं, जहां कुल 1,075 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि गोपालगंज में 09, सुपौल में 02, पूर्वी चंपारण में 12 और दरभंगा में 23 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 46 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 36,293 लोग भोजन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।

 

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