अगर जनता जागरूक होगी तो कोई गड़बड़ी नहीं कर सकता-रघुवर दास

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संवाददाता.रांची.युवा धन राज्य का सबसे बड़ा धन है। इस धन की असीम ऊर्जा की बदौलत राज्य सरकार झारखण्ड की जनता के चेहरे पर मुस्कान बिखरेना। क्योंकि विश्व मे जितनी भी क्रांति हुई सभी मे युवा शक्ति का बड़ा योगदान रहा है। युवा खासकर आदिवासी जनजाति समूह के युवा अपनी शक्ति व उत्साह का उपयोग गरीब कल्याण में करें। यही आपका उदेश्य होना चाहिये। याद कीजिए बिरसा आबा, नीलाम्बर पीताम्बर, सिदो कान्हू व अन्य शहीदों को जिन्होंने खुद के लिए कुछ नहीं किया बल्कि अपने समाज, गांव, राज्य, देश और अपनी माटी के लिए बलिदान दिया। आप भी अपनी माटी के लिए कुछ करें, माटी का कर्ज अदा करें। उक्त बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कही।

श्री दास रविवार को रांची विश्वविद्यालय परिसर स्थित आर्यभट्ट सभागार में आयोजित युवा समूह सम्मेलन में बोल रहे थे। कार्यक्रम झारखण्ड आदिवासी सशक्तिकरण एवं आजीविका परियोजना एवं झारखण्ड ट्राइबल डेवलपमेंट सोसाइटी, कल्याण विभाग द्वारा आयोजित था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल में गरीबी है, लोग वर्षों से बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। उनकी यह स्थिति मेरे मन को व्यथित कर जाता है। राज्य सरकार पिछले चार वर्ष से उन्हें बुनियादी सुविधा प्रदान करने में जुटी है। बिजली घर घर पहुंच रहा है। अब संथाल में गठित युवा समूह अपने गांव के विकास की जिम्मेवारी लें। अपनी जिंदगी जीते हुए गांव में बदलाव लाएं। सरकार आपके साथ है। कैसे बदलाव आए इन पर चिंतन करें। संथाल की युवतियां भी काम की तलाश में अन्य राज्य जाती हैं, इसे हमें मिलकर रोकना है। अपने गांव के गरीब को चिन्हित करें और उनके उत्थान की सोचे। आप युवा ही संथाल के विकास के सारथी बनें। मुझे विश्वास है अगर आप जैसे युवा सारथी होंगे तो संथाल और सम्पूर्ण झारखण्ड के विकास को कोई रोक नहीं सकता।

रघुवर दास ने कहा कि आदिवासी और जनजाति समाज के लोग केवल बकरी और सुकर पालन ही नहीं, बल्कि अब इससे आगे की सोचने की जरूरत है। आने वाली पीढ़ी को शिक्षित कर उन्हें अधिकारी, उद्योगपति बनने हेतु प्रेरित करें। युवा समूह इस कार्य में भी महती भूमिका निभा सकते हैं। समाज के लोगों को शिक्षा और सरकार की योजनाओं का लाभ लेने हेतु जागरूक करें। मेरा मानना है कि अगर शिक्षा का अलख जल गया तो समस्याओं का निदान हो जाएगा। आप गांव के विकास का सुझाव भी दें। सरकार चाहती है गांव के विकास की योजना खुद गांव वाले बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर जनता जागरूक होगी तो मुख्यमंत्री हो या मुखिया कोई गड़बड़ी नहीं कर सकता ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रांची के पुराने जेल जहां बिरसा आबा का बंदी बनाया गया था उसे विकसित करने का कार्य हो रहा है। राज्य सरकार राज्य के प्रत्येक गांव की मिट्टी को उस स्मारक का एक अंग बनाना चाहती है। इस उदेश्य से आगामी 9 जनवरी 2018 से 23 जनवरी तक विशेष अभियान चलेगा। इस दौरान गांव, पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर गांव की मिट्टी का संग्रह किया जाएगा। 23 जनवरी नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर मोरहाबादी मैदान से पैदल चलकर संग्रह की गई मिट्टी को स्मारक स्थल तक पहुंचाया जाएगा। या कार्य में युवा समूह भाग ले और मिट्टी संग्रह करने में भूमिका निभाएं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के समक्ष किसानों, युवाओं और पशुपालकों ने अपने अनुभव साझा किया और बताया कि कैसे सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर वे आर्थिक स्वावलंबन की ओर अग्रसर हुए।इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 29 व 30 नवंबर को खेल गांव में आयोजित ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फ़ूड सम्मिट के लिए किसानों और युवाओं को आमंत्रण दिया।वहीं किसानों ने सरकार द्वारा उपलब्ध कराएं गये पपीता के पौधे के पपीता का टोकरा मुख्यमंत्री व अन्य अथितियों को उपहार स्वरूप दिया।

कार्यक्रम में मंत्री कल्याण विभाग डॉ लुईस मरांडी, सचिव कल्याण विभाग हिमानी पांडे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, राज्य परियोजना निदेशक, जनजातीय परामर्श परिषद के रतन तिर्की व अन्य उपस्थित थे।

 

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