अनवर के कोआपरेटिव बैंक को दुघारू गाय बनाया तेजस्वी परिवार-सुशील मोदी

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संवाददाता.पटना.उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि ‘कवाब मंत्री’ के रूप में कुख्यात राजद के पूर्व एमएलसी अनवर अहमद के आवामी कोआपरेटिव बैंक में नोटबंदी के बाद 10 लाख रुपये जमा कराने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से सीबीआई की पूछताछ से यह साफ हो गया है कि आखिर राबड़ी-तेजस्वी नोटबंदी का क्यों विरोध कर रहे थे। तेजस्वी परिवार के संरक्षण में दुघारू गाय के रूप में फलने-फूलने वाले इस बैंक के जरिए कालेधन को सफेद करने के एवज में राजद ने अनवर अहमद को एमएलसी तक बनाया।

श्री मोदी ने बताया कि लालू प्रसाद (बैंक खाता संख्या-6040) और राबड़ी देवी (बैंक खाता संख्या-6851) के अलावा शायद ही किसी अन्य दल के राजनेताओं का आवामी कोआपरेटिव बैंक में खाता होगा क्योंकि आमतौर पर लोग राष्ट्रीयकृत व बड़े बैंकों में ही खाता रखते हैं। तेजस्वी यादव बतायें कि नोटबंदी के बाद आवामी कोआपरेटिव बैंक में राबड़ी देवी ने बड़े पैमाने पर 500 व 1000 के नोट क्यों जमा कराये? फिर कुछ ही दिनों के बाद चेक के जरिए जमा राशि क्यों निकाल ली गयी? जिस डिलाइट कम्पनी का 750 करोड़ का पटना में मॉल बन रहा था नोटबंदी के चार दिन बाद ही उसका नाम बदल कर ‘लारा’ क्यों कर दिया गया? तेजस्वी परिवार ने खोखा कम्पनियों के माध्यम से जो दर्जनों प्लाट खरीदा उनमें से करीब आधे दर्जन का भुगतान आवामी कोआपरेटिव बैंक के जरिए ही क्यों दिखाया गया है?

ज्ञातव्य है कि नोटबंदी के बाद आवामी कोआपरेटिव बैंक में मजदूरों व कर्मियों के नाम पर 41 फर्जी खाते खोल कर 70 लाख 46 हजार रुपये के पुराने नोट जमा कराये गए। जांच के बाद सीबीआई ने बैंक के चैयरमैन अनवर अहमद के बेटे व बैंक के निदेशक अरशद अहमद तथा उनके स्कूल मदर इंटरनेशनल एकेडमी की प्रचार्य सुप्रीया चटर्जी को कालेधन को सफेद करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।

मोदी ने आरोप लगाया कि दरअसल तेजस्वी यादव का परिवार आवामी कोआपरेटिव बैंक का इस्तेमाल अपने व राजद नेताओं के कालेधन को सफेद करने व बिना गारंटी लोन लेने में करता रहा जिसे फिर कभी वापस नहीं करना होता था।

 

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