थारू समाज में पहले से ही महिलाओं का सशक्तिकरण- मुख्यमंत्री

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संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना समाज आगे नहीं बढ सकता है।उन्होंने यह भी कहा कि थारू समाज में महिलाएं पहले से सशक्त हैं। वे मंगलवार को प.चम्पारण जिला के हरनाटांड़ स्थित बिनवलिया में भारतीय थारु कल्याण महासंघ के 40वें वार्षिक महाधिवेशन का उद्घाटन कर लोगों को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री के स्वागत में थारू जनजाति की महिलाओं द्वारा झमटा नृत्य भी प्रस्तुत किया गया।जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2009 में विकास यात्रा की शुरुआत हमने पश्चिम चंपारण से की थी और जब भी कोई यात्रा हम प्रारंभ करते हैं तो उसकी शुरूआत चंपारण की इस धरती से ही करते हैं। उन्होंने कहा कि 19 जनवरी 2009 को सुबह में ही हमने कैबिनेट की मीटिंग बुलाकर समेकित थरुहट विकास अभिकरण का गठन किया। उन्होंने कहा कि जब हम रेल मंत्री थे तब आदिवासी कल्याण मंत्री से हमारी अक्सर मुलाकात हुआ करती थी और इस संबंध में उनसे बातें करके हमने थारू समाज को आदिवासी की श्रेणी में शामिल करवाया।

उन्होंने कहा कि थरुहट विकास अभिकरण को वित्तीय वर्ष 2010-11 से 2017-18 तक 97 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये, जिसमें 260 योजनाओं पर काम शुरू किया गया, जिसमें 239 योजनायें पूरी हो गयी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 27 करोड़ 61 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है और आज तक 125 करोड़ रुपये विभिन्न विकास योजनाओं के लिए उपलब्ध कराया जा चुका है। विकास यात्रा पर जब हम आये थे, तब उस समय 5 अनुसूचित जनजातीय विद्यालय बनाने का निर्णय लिया था, जिसमें अब तक 4 का उद्घाटन भी हो चुका है। इसके लिए 59 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये। आवासीय विद्यालयों के अतिरिक्त छात्रावास निर्माण के लिए 17 करोड़ रुपये मुहैया कराये गये।

उन्होंने कहा कि एकलव्य आवासीय मॉडल विद्यालय निर्माण जो केंद्र की योजना है, इसके लिए 35 करोड़ रुपये भी उपलब्ध कराये गये। केंद्र की योजना में इसकी क्षमता 400 सीट की है लेकिन हमलोगों ने इस तरह के विद्यालयों की क्षमता को 720 सीट तक करने का तय किया। 320 सीटों पर आने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण बढ़ाने की मांग होती रही है लेकिन जब वर्ष 2021 की जनगणना होगी, तब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को उनकी आबादी के अनुरूप ही आरक्षण का लाभ बढ़ सकेगा। यह राज्य सरकार के हाथ में नहीं है। उन्होंने कहा कि बगहा-2 जो प्रखंड है, उसे आप सिंधाव में चाहते हैं, इसके लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिया  गया  है  और  इस  संबंध में जिलाधिकारी  अपनी  रिपोर्ट  भेजेंगे।  उन्होंने  कहा कि  यहां डिग्री कॉलेज खोलने की मांग की गई है, जबकि राज्य के हर अनुमंडल में सरकारी कॉलेज की स्थापना की जा रही है।

उन्होंने कहा कि बिहार पहला राज्य है, जहां महिलाओं को पंचायती राज और नगर निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण मुहैया कराया गया। स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया, जिससे महिलाओं के अंदर आत्मविश्वास का भाव पैदा हुआ। साइकिल और पोशाक योजना से लड़कियों के मन में आगे बढ़ने का उत्साह कायम हुआ। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर ही बिहार में शराबबंदी लागू की गई। उन्होंने कहा कि लड़की पैदा होने पर लोग पीड़ा महसूस करते हैं, अब लड़की होने पर दुखी होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि थारू समाज में पहले से ही महिलाओं का सशक्तिकरण है और यहां पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की उपस्थिति है।

जनसभा  में  उपस्थित  लोगों  से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर आप अपने सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधियों के समक्ष उसे रखें, वह हम तक पहुंच जाएगी, फिर उसका तत्काल समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि हम लोगों की आवाज सुनने की कोशिश करते हैं। चम्पारण के प्रति मेरे दिल में जो श्रद्धा का भाव है वह कभी समाप्त नहीं होगा।

जनसभा को गन्ना उद्योग तथा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एवं बगहा जिले के प्रभारी मंत्री फिरोज अहमद उर्फ खुर्शीद आलम, सांसद सतीश चंद्र दुबे, विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक विनय बिहारी, पूर्व सांसद वैद्यनाथ प्रसाद महतो, पूर्व सांसद कैलाश बैठा, भारतीय थारू कल्याण महासंघ के अध्यक्ष दीप नारायण प्रसाद, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, सहित वरीय अधिकारीगण अन्य गणमान्य व्यक्ति, भारतीय थारू कल्याण महासंघ से जुड़े पदाधिकारीगण एवं काफी तादाद में आमलोग उपस्थित थे।

 

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