मुख्यमंत्री का निर्देश-शराब माफिया के पूरे सिस्टम को करें ध्वस्त

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संवाददाता.पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अवैध रूप से शराब के कारोबार करने वालों में फ्रंट की गिरफ्तारी तो हो जाती है,किंग पिन नहीं पकड़े जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि इस अवैध व्यवसाय में संलिप्त बड़े आपूर्तिकर्ताओं एवं माफियों को चिह्नित कर पकड़ना होगा और उनके सारे सिस्टम को ध्वस्त करना होगा।अगर दस-बीस आपूर्तिकर्ता पकड़े गये तो यह अवैध धंधा स्वतः ध्वस्त हो जायेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिया।बैठक में पुलिस विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष विस्तृत प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर को पुलिस विभाग की उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री से प्राप्त निर्देश के आलोक में इस बैठक में मुख्य रुप से मद्य निषेध और थानावार अपराध से संबंधित विषयों पर चर्चा की गयी।

प्रथम प्रस्तुतीकरण मद्य निषेध का दिया गया, जिसमें अब तक की सभी उपलब्धियों की बिंदुवार जानकारी दी गई। वर्ष 2017 में केस में तीन गुना वृद्धि हुई, साथ ही साथ गिरफ्तारी में भी चार गुणा वृद्धि दर्ज की गयी। देशी शराब एवं विदेशी शराब की बरामदगी में भी कई गुणा वृद्धि हुयी है। मुजफ्फरपुर जोन में ज्यादा शराब की बरामदगी हो रही है। थाने में जब्त किए गए शराब एवं इससे संबंधित चीजों के विनष्टीकरण में तीव्र गति लाने की जरुरत जताई गई।मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव गृह एवं मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग आमिर सुबहानी को इस पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया।

प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि अवैध शराब के कारोबार में लिप्त व्यक्तियों की पहचान के लिए पुलिस विभाग ने चार श्रेणीयां बनायी है। प्रथम श्रेणी आपूर्तिकर्ता गिरोह हैं, दूसरी श्रेणी भंडारण गिरोह है, तीसरी श्रेणी वितरणकर्ता गिरोह है, जबकि चैथी श्रेणी लोकल रिसीवर गिरोह की है। इन सभी लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है। राज्य में बाहर से आने वाले शराब की जानकारी दी गई। इसमें मुख्य रुप से हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, प.बंगाल, नॉर्थ-ईस्ट एवं उत्तरी सीमा से सटे नेपाल शामिल हैं।अफीम की अवैध खेती के बारे में बताया गया कि यह गया, जमुई, नवादा के जंगलों में ज्यादा होता है, खासकर झारखंड बॉर्डर एरिया और नक्सल प्रभावित इलाकों में।आर्मी वालों को शराब आपूर्ति के लिए रामगढ़ से दानापुर (पटना) का सिंगल रुट है, जिसमें उसके लिए आर्मी का डिजिटल लॉक, स्कॉर्ट जरुरी है।बताया गया कि अगर आर्मी के नाम पर दूसरा कोई भी इस तरह का कार्य करता है और इस रुट के अलावे दूसरे किसी रुट पर सप्लाई होता है तो उसे आसानी से पकड़ा जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक गांवों में ट्रांसफार्मर वाले खंभे पर पुलिस और मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग का नंबर अंकित कराया जाय, इसमें शिकायतकर्ता के नाम का खुलासा नहीं होगा। शिकायतकर्ता के फोन आने पर तुरंत कार्रवाई हो, शिकायतकर्ता के फोन आने पर कार्रवाई करने का रेस्पांस टाइम निर्धारित हो।मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध रूप से शराब के कारोबार करने वालों में फ्रंट की गिरफ्तारी तो हो जाती है, किंग पिन नहीं पकड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मद्य निषेध कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध बिहार, पटना के कार्यालय को आवश्यक मानव एवं भौतिक संसाधनों से लैश किया जाय।उन्होंने कहा कि मद्य निषेध को प्रभावी ढ़ंग से लागू करने में लापरवाही बरतने वाले एवं संलिप्तता रखने वाले पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाय।

मुख्यमंत्री ने अपराध मामले पर कहा कि अपराध नियंत्रण हेतु सभी जिलों के अपराध प्रभावित थानों की पहचान स्थापित की जा चुकी है।उन्होंने निर्देश दिया कि अपराध नियंत्रण हेतु अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों को संबंधित जिलों में भेजकर पुलिस अधीक्षक से काण्डों के संबंध में की गयी कार्रवाई की जानकारी प्राप्त की जाय।उन्होंने निर्देश दिया कि पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक और अपर पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपाधिक्षक स्तर के पदाधिकारियों को विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से अलग-अलग बैठक आयोजित कर अपराध नियंत्रण हेतु चिह्नित थाना क्षेत्रों में विशिष्ट कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

बैठक में पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, प्रधान सचिव गृह एवं मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार,मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय एसके सिंघल, अपर पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था आलोक राज, पुलिस महानिरीक्षक, विशेष शाखा एवं आर्थिक अपराध इकाई जेएस गंगवार, पुलिस महानिरीक्षक पारसनाथ, पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध रत्न संजय सहित अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह मौजूद थे।

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