एक अनोखा मंदिर..जहां बलि के बाद भी जिंदा रहते हैं बकरे

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अभिजीत पाण्डेय.पटना.बिहार में ही है यह अनोखा मंदिर.राज्य के कैमूर जिले में स्थित है माता मुंडेश्वरी का मंदिर.भारत के प्राचीनतम मंदिरों में से एक यह मंदिर कैमूर के भगवानपुर अंचल में कैमूर पर्वत श्रृखंला की पवरा पहाड़ी पर 608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.

कहते हैं इस मंदिर का निर्माण 108 ई. में हुआ था.मंदिर परिसर में लगे शिलालेखों से भी इसकी पौराणिकता साबित होती है.प्रसिद्ध पुराविद कनिंघम की पुस्तक में भी इस मंदिर की चर्चा है.

हालांकि देश के हर शक्तिपीठों की अपनी अलग पहचान है लेकिन माता मुंडेश्वरी मंदिर में ऐसा कुछ होता है जिस पर सहजता से विश्वास नहीं किया जा सकता है.प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इस मंदिर में बकरे की बलि देने की प्रथा अलग है.बकरे को माता की प्रतिमा के सामने लाया जाता है,जिस पर पुरोहित मंत्रोच्चारण के साथ अक्षत छिड़क देते हैं.इसके साथ ही बकरा बेहोश हो जाता है.फिर होश में आने के बाद उसे छोड़ दिया जाता है.

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