बिहार में ‘श्रम नीति’ शीघ्र-सुशील मोदी

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संवाददाता.पटना.श्रम संसाधन विभाग की ओर से ‘श्रम कल्याण दिवस’ के मौके पर अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शीघ्र ही बिहार में श्रम नीति लागू की जायेगी। हाथ और शरीर से श्रम करने वालों को सम्मान दिए बिना कोई भी समाज और देश  आगे नहीं बढ़ सकता है.उन्होंने घोषणा की कि बिहार में श्रमनीति शीघ्र बनेगी.

उन्होंने कहा कि यह गलत सोच है कि दिमाग से काम करने वाले ज्यादा महत्वपूर्ण काम और हाथ से काम करने वाले अपेक्षाकृत कम महत्व के काम करते हैं। अमेरिका और यूरोप के देश  विकसित इसलिए हो पाए क्योंकि उन्होंने मानव श्रम को सम्मान दिया। मोदी ने कहा भगवान विश्वकर्मा ने सृष्टि का निर्माण किया। विश्वकर्मा  जयंती को ही मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। रूसी क्रांति दिवस 01 मई को मजूदर दिवस मनाने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि उससे सीधे हमारा कोई संबंध नहीं है, जबकि भारतीय जनमानस में सृष्टिकर्ता विश्वकर्मा रचे-बसे हैं.

बाल श्रम उन्मूलन पर जोर देते हुए श्री मोदी ने कहा कि केवल कानून बना देने से किसी भी सामाजिक बुराई को खत्म नहीं किया जा सकता है। हम सबको आज ही संकल्प लेना चाहिए कि अपने घरों में घरेलू कार्यों के लिए किसी बच्चे को मजदूर के तौर पर नहीं रखेंगे। घरेलू कामगारों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने पर सरकार विचार कर रही है। नौकरी देने-दिलाने के नाम पर ठगी करने वालों का भी सरकार नकेल कसेगी।मोदी ने कहा कि मजदूरों को कुशल बनाने की आज जरूरत है। कुशल और हुनरमंद मजदूर न केवल बेहतर नौकरी प्राप्त करने में सफल होते हैं बल्कि उनकी कमाई भी अधिक होती है।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने बाल श्रम उन्मूलन तथा किशोर श्रम निषेध एवं विनियमन हेतु राज्यकार्य योजना, 2017 तथा बाल श्रम निषेध हेतु सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन रणनीतिक दस्तावेज लोकार्पित किया। इसके अलावा उन्होंने बिहार भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं के अन्तर्गत निबंधित एवं अहर्ता प्रापत श्रमिकों के बीच अनुदान एव निबंधन पत्र वितरित किया. कार्यक्रम में श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह, अपर सचिव के. सेंथिल कुमार, निदेशक, नियोजन व प्रशिक्षण पंकज कुमार पाल और श्रमायुक्त गोपाल मीणा भी उपस्थित थे.

 

 

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