हेडमास्टर की मनमानी से त्रस्त शिक्षा विभाग के अधिकारी

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मुकेश महान.पटना.शिक्षा विभाग की अधिसूचना और उस अधिसूचना से संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी के आदेश को मानने से इंकार करनेवाले मिडिल स्कूल के एक हेडमास्टर की मनमानी के आगे विभाग के अधिकारी भी त्रस्त नजर आ रहे हैं. हेडमास्टर का प्रशासनिक आधार पर किए गए ट्रांसफर से संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी का आदेश पिछले चार-पांच माह से निदेशक(प्रा.शिक्षा) के पास पड़ी धूल फांक रही है.

गौरतलब है कि पटना के राजेन्द्रनगर स्थित वनिता विहार कन्या मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार अपने कारनामों से शिक्षा विभाग में चर्चित हैं.उनके स्कूल की एक शिक्षिका शर्मिला ने उनपर अनियमितता व प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे.दिसम्बर2016 व जनवरी 2017 में इस मामले पर सुनवाई करते हुए क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक(पटना) ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को 28 जनवरी17 को प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार व अन्य शिक्षक संजय पासवान को अन्यत्र स्थानान्तरण के लिए आदेश दिया.इसके आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी(पटना) ने 21 अप्रैल17 को क्षे.शि.उ.नि. के स्थानान्तरण आदेश पर स्वीकृति के लिए निदेशक(प्रा.शि.) को लिखा.इसपर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.पत्र को ठंढे बस्ते में डाल दिया गया.

एक भवन में एक से अधिक चल रहे विद्यालय के संविलियन से संबंधित हाल के आदेश के विपरीत हेडमास्टर अपने स्कूल का संचालन कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि विभागीय अधिसूचना(संख्या-197 दिनांक 9.2.17) के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से 2.8.17 को  आदेश(ज्ञापांक-6430) जारी किया गया.आदेशानुसार वनिता विहार बालक मध्य विद्यालय(राजेन्द्रनगर) में वनिता विहार कन्या मध्य विद्यालय(राजेन्द्रनगर) का विलय किया गया.लेकिन इस आदेश के ठीक विपरीत कन्या मध्य के प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार द्वारा कन्या मध्य में बालक मध्य के विलय का अपना आदेश,आदेश पुस्तिका पर निकाला.सरकार के आदेश के विपरीत आदेश के अनुपालन का शिक्षकों ने विरोध किया और संविलियन का मामला लटक गया.

यह विवाद अभी भी जारी है.कन्या मध्य के प्रधानाध्यापक का दावा है कि कन्या मूल विद्यालय है इसलिए कन्या मध्य में बालक मध्य का विलय करेंगें.जबकि इनके इस दावे को खारिज करते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना),पटना ने प्रधानाध्यापक को 6 सितम्बर17 को स्पष्ट आदेश(ज्ञापांक-7862) दिया कि जो आदेश पूर्व में दिया जा चुका है उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है.उन्होंने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा-आपके द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि वनिता विहार कन्या मध्य विद्यालय ही मूल विद्यालय है.जबकि आपको ज्ञात है कि सभी सरकारी विद्यालय सरकार के अधीन है और विद्यालय किस नाम से रहेगा सरकार(विभाग) तय करती है.इस प्रकार हेडमास्टर के दावे को खारिज करते हुए उन्होंने पूर्व के आदेशानुसार दोनों विद्यालय के संविलियन को सुनिश्चित करने का आदेश देते हुए अनुशासनिक कार्रवाई की चेतावनी भी दी.

इधर,इस विवाद पर स्थानीय भाजपा विधायक अरूण कुमार सिंहा ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए संविलियन कराने,बंद मिड डे मिल का संचालन कराने एवं शिक्षकों का वेतन भुगतान कराने के लिए पत्र लिखा है.विद्यालय अवर निरीक्षक(महेन्द्रू) द्वारा भी लगातार हेडमास्टर पर सरकारी आदेश के अनुपालन के लिए मौखिक व लिखित में कहा गया.लेकिन हेडमास्टर पर कोई असर नहीं है.ऐसे में यह कहा जा सकता है कि एक मिडिल स्कूल का हेडमास्टर शिक्षा विभाग के निर्णय एवं अधिकारियों के आदेशों को धत्ता बताते हुए मनमानी पर उतारू है.इससे विद्यालय में पठन-पाठन पर विपरीत असर तो पड़ ही रहा है साथ ही मिड डे मिल का संचालन व शिक्षकों का भी वेतन बंद है.

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