सीएम ने की समीक्षा,98.8 प्रतिशत गांवों में पहुंची बिजली

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संवाददाता.पटना.बिहार में कुल 39,073 गांव हैं, जिसमें से 38,596 यानी 98.8 प्रतिशत गांवों को ऊर्जान्वित किया जा चुका है।अब मात्र 477 गांव ही शेष बचे हैं। बचे हुये गांवों में दिसम्बर माह के अंत तक बिजली पहुंचा दी जायेगी। कुल 1,06,218 टोला में से 82,040 यानी 77 प्रतिशत टोले ऊर्जान्वित हो चुके हैं।शेष बचे 23 प्रतिशत टोलों में दिसम्बर माह के अंत तक बिजली पहुंचा दी जायेगी।मुख्यमंत्री की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में ये आंकड़े प्रस्तुत किए गए.

बैठक के उपरांत मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में ऊर्जा, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षात्मक बैठक की।मुख्यमंत्री ने कल अपराह्न में अल्पसंख्यक कल्याण तथा उद्योग एवं गन्ना उद्योग विभाग की भी उच्चस्तरीय समीक्षात्मक बैठक की थी। समीक्षा बैठक में संबंधित विभाग के सभी बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी। समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

कजरा एवं पीरपैंती में पूर्व प्रस्तावित थर्मल पावर स्टेशन के जगह पर सोलर पावर स्टेशन की स्थापना की योजना बनाने हेतु विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। बिजली बिल में हो रहे सुधार के संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा निदेश दिया गया कि उपभोक्ता को सही समय पर सही बिल उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जाय। मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री विद्युत संबंध निश्चय योजना के तहत हर घर बिजली कार्यक्रम में जितने भी मीटर रहित कनेक्षन हैं, वहां मीटर लगाने, घर के अंदर लगे मीटरों को बाहर करने तथा जहां न्यूट्रल तार नहीं है,वहां न्यूट्रल तार लगाने हेतु निर्देश दिया गया, जिससे उपभोक्ताओं को गुणवतापूर्ण बिजली मिल सके।

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की समीक्षा के संबंध में बताया कि भूमि विवाद का मूल कारण है एक ही भूमि का कई-कई बार निबंधन हो जाना।डिजिटाइज्ड किये जा चुके भू-अभिलेखों के संबंध में सॉफ्टेवेयर में ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि भूमि का ब्योरा डालने पर पूर्व में किये गये हस्तांतरण का पूरा ब्योरा दिख सके।ऊर्जा विभाग को निदेशित किया गया है कि खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफर्मर एवं विद्युत पोलों पर ऊर्जा विभाग के कंट्रोल नंबर के साथ-साथ मद्यपान वर्जित है, अंकित किया जाय एवं उत्पाद/पुलिस विभाग के कंट्रोल रूम का नंबर प्रदर्शित किया जाय ताकि लोगों को अवैध शराब के संबंध में जानकारी देने में सहुलियत हो।प्रधान सचिव गृह, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग तथा पुलिस महानिदेशक के संयुक्त हस्ताक्षर से आदेश निर्गत किये जायें कि जिला के क्राइम मिटिंग में उत्पाद के पदाधिकारी, बाडर एरिया के एसएसबी के पदाधिकारी भी शामिल हों तथा इस बैठक में मद्य निषेध कार्यक्रम के समन्वय पर चर्चा की जाय।

मुख्य सचिव ने बताया कि उत्पाद विभाग से संबंधित मामलों की संख्या काफी बढ़ी है, इस पर त्वरित सुनवाई एवं निष्पादन हेतु विशेष अदालतों की व्यवस्था की जायेगी। प्रधान सचिव मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा बताया गया कि शराबबंदी लागू होने के पश्चात अब तक 3,88,864 रेड किया गया, जिसके आलोक में 60,232 मामले दर्ज किये गये तथा 68,579 लोगों को जेल भेजा गया, जिन पर मुकदमा चल रहा है।

उद्योग एवं गन्ना उद्योग विभाग की समीक्षा के संबंध में बताया कि नई औद्योगिक नीति 2016 के अन्तर्गत 493 आवेदन प्राप्त हुये, जिसमें से 422 आवेदनों को स्वीकृत किया गया है तथा 3900 करोड़ निवेश का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप योजना के तहत अब तक 308 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिनमें 30 आवेदनों को स्वीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि टेक्सटाइल (गारमेंट) क्षेत्र पर मुख्य फोकस किया जा रहा है। इस संदर्भ में निवेशकों के साथ बैठक की गयी है। पटना तथा भागलपुर में टेक्सटाइल उद्योग लगाया जायेगा। साथ ही मुजफ्फरपुर में लेदर पार्क निर्माणाधीन है। इस वर्ष लेदर पार्क दस एकड़ पर चालू कर दिया जायेगा, जिसमें एक सौ उद्यमियों को जगह मिल जायेगा। उन्होंने बताया कि कौशल विकास में 19 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिसमें से 11 हजार टेक्सटाइल क्षेत्र के होंगे। खादी उद्योग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। खादी उद्योग से जीविका की महिलाओं को जोड़ा जायेगा। उन्होंने बताया कि गन्ना के उन्नत प्रभेदों को भी अनाया जायेगा। प्रभेदों को रिप्लेस करने के लिये 22 प्रतिशत प्रतिवर्ष का लक्ष्य रखा गया है।

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की समीक्षा के संदर्भ में बताया कि मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विद्यार्थी प्रोत्साहन योजनानतर्गत राशि अब सरकारी विद्यालयों के अतिरिक्त मदरसों से 10वीं एवं 12वीं कक्षा के समकक्ष परीक्षाओं में उतीर्ण होने वाले परीक्षार्थियों को भी दी जायेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक परित्यक्ता महिला आर्थिक सहायता योजना की राशि प्रति महिला 10,000 रूपये से बढ़ाकर 25,000 रूपये की जायेगी। उन्होंने बताया कि मान्यता प्राप्त मदरसों में वर्ग कक्ष, पेयजल, शौचालय, पुस्तकालय आदि के लिये राज्य सरकार सहायता राशि उपलब्ध करायेगी। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर वक्फ की भूमि पर बहुउद्देशीय भवन बनाया जायेगा, जिसमें जिला वक्फ कमिटी का कार्यालय, सार्वजनिक पुस्तकालय, पारिवारिक समारोह स्थल आदि रहेगा। समीक्षा के दौरान संबंधित विभागों के मंत्रियों के अलावा संबंधित विभागों के प्रधान सचिव-सचिव एंव मुख्यमंत्री सचिवालय के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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