एम्स में रेडिएशन ऑफ ऑन्कोलॉजिस्ट पर दो दिवसीय सेमिनार

1738
0
SHARE

DSC_1975.jpg1

सुधीर मधुकर.पटना.एसोसिएशन ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया की इंडियन कॉलेज ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजी शाखा (एआरओआई-आईसीआरओ) ने ईस्ट चैप्टर की बैठक एम्स पटना में दो दिवसीय सेमिनार हुई।एम्स पटना के निदेशक डा प्रभात कुमार सिंह और मुख्य अतिथि एवं महावीर कैंसर संस्थान के निदेशक डा विश्वजीत सान्याल ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुये कहा कि इस सेमिनार से पोस्ट ग्रेजुएट छात्र और जूनियर डाक्टरों का काफी लाभ होगा।उन्होने एसोसिएशन ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलाजिस्ट ऑफ इंडिया का धन्यवाद देते हुये कहा कि एम्स में इस तरह का कार्यक्रम से डाक्टरों को भी फायदा होगा।

इस अवसर पर एम्स पटना के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागाध्यक्ष और कोर्स चेयरपर्सन डा प्रीतांजलि सिंह ने कहा कि दुनिया भर में गैर संक्रामक रोगों में कैंसर मौत का पहला कारण है। दुनिया भर में हर साल दस मिलियन से ज्यादा कैंसर के मामले सामने आते हैं। सिर्फ भारत में ही दस लाख कैंसर मरीज प्रति वर्ष दर्ज किए जाते हैं। रेडियोथेरेपी कैंसर के इलाज में अहम भूमिका निभाती है। दो तिहाई मरीजों को रेडियोथेरेपी की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी बताया कि एम्स में रेडिएशन मशीन की खरीद प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है और उम्मीद है कि जल्द ही यह संस्थान में लगाई जा सकेंगी।

पदमश्री डा जितेन्द्र कुमार सिहं ने कहा कि रेडियम से पहला इलाज अविभाजित बिहार रांची में शुरू किया था। रेडियेशन देने से कम से कम उत्तक नुक्शान होता है। इस कार्यक्रम कराने का मकसद यह है कि पूरे भारत में रेडिऐशन के माध्यम से एक तरह का इलाज हो। किदवई मेमोरियल बंगलुरू के डा.जीवी गिरि ने कहा कि कैंसर मरीजो मे दो तिहाई मरीजों को रेडिऐशन की जरूरत पडती है। रेडिऐशन पद्वति कैसंर मरीज के लिए वरदान है।टीएमएच मुंबई से डा तबस्सु ने स्तन कैंसर पर रेडिऐशन से इलाज के बारे में विस्तृत जानकरी दी। हैदराबाद  से डा कौशिक भट्टाचार्या ने कहा कि कैसंर मरीज को रेडिऐश से सटीक इलाज होता है। पंजाब से आए डा राजेश वशिष्ठ ने कहा कि इस बैठक का थीम विभिन्न ट्यूमर वाली जगहों पर ‘‘इमेजिंग, कंटूरिंग एंड प्लान इवेलुएशन‘‘ है। यह युवा रेडिएशन ऑन्कोलाजिस्ट्स (पीजी और पोस्ट पीजी जिनके पास दस साल से कम का अनुभव है) के लिए बेहतरीन मौका है कि वे राष्ट्रीय स्तर के चिकित्सकों से इस महत्वपूर्ण विषय पर जानकारी ले सकें।

इसके आलावा पीजीआई चंडीगढ़ के डा .राकेश कपूर, डा.रीना इंजीनियर, डा वेदांग मूर्ति, डा.सुप्रिया चोपड़ा, डा.रिम्पा आचार्य, टीएमसी कोलकाता से राज कुमार श्रीमाली, किदवई मेमोरियल बंगलुरू से डा.जीवी गिरि, अपोलो अस्पताल हैदराबाद और रीजनल कैंसर सेंटर कटक से डा.एसएन  सेनापति और पंजाब से डा.राजेश वशिष्ठ समेत अन्य चिकित्सकों ने भी अपने अपने विचार रखें।सेमिनार का उद्देश्य रेडिएशन ऑन्कोलाजी और संबंधित विषयों में उच्च महत्ता की एकेडमिक और रिसर्च एक्टिविटीज को बढ़ावा देना है, ताकि पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग और क्लिनिकल प्रैक्टिस के स्तर को और अधिक बढ़ाया जा सके और देश में इस क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर परऔर प्रगति की जा सके।

लगभग सौ विशेषज्ञों और देश भर से आए 25 फैकल्टी ने कान्फ्रेंस में हिस्सा लिया। इसमें खासकर पूर्व और पूर्वोत्तर और मध्य भारत से सिक्किम, इम्फाल, कोलकाता, कटक और जबलपुर और वाराणसी समेत बिहार और झारखंड के युवा रेडिएशन ऑन्कोलाजिस्ट शामिल थे।

इस मौके पर डा.विनीता त्रिवेदी, डा.दिनेश सिन्हा, डा.रिचा माधवी, डा.रीता रानी, डा.रिचा, डा.स्नेहा झा समेत अन्य चिकित्सकों ने इस मौके पर हिस्सा लिया। इसके अतिरिक्त एम्स पटना के चिकित्साधीक्षक डा.उमेश कुमार भदानी समेत अन्य चिकित्सक मौजूद थे ।

 

LEAVE A REPLY