सरकार की सहभागिता के बिना रिजल्ट में व्यापक गड़बड़ी संभव नही-भाजपा

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संवाददाता.पटना. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता तथा इस्लामपुर के पूर्व विधायक राजीव रंजन ने  बिहार की बदहाल शिक्षण व्यवस्था को निशाने पर लेते हुए कहा कि इंटरमिडीएट रिजल्ट में लगभग आठ लाख बच्चों के फ़ेल होने का ज़िम्मेवार राज्य सरकार है.क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं का फ़ेल होना राज्य सरकार की लापरवाही है. राज्य के युवाओं के भविष्य को लेकर बिहार सरकार  के उदासीन रवैये का खामियाजा यहां के लाखो छात्रों को भोगना पर रहा है.

उन्होंने कहा “यह सब जानते हैं कि सरकारी स्कूल तथा कॉलेज में ज्यादातर मध्यम तथा निम्न आय वाले परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं. राज्य सरकार की वजह से इन सभी का भविष्य अधर में लटक गया है. अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने की जुगत में सरकार अब पूरक परीक्षा का राग अलाप रही है, लेकिन सरकार यह बताए की पूरक परीक्षा में पास होने पर भी आगे की पढाई के लिए क्या इन छात्रों को किसी अच्छी जगह दाखिला मिल सकेगा? ”

राज्य सरकार को सीधे सीधे जिम्मेदार बताते हुए श्री रंजन ने कहा “ अपनी छवि बचाने की जुगत में राज्य सरकार एक के बाद एक गलती करती जा रही है. राज्य के युवाओं के साथ हुए इस छल के लिए सरकार अब कर्मियों को बलि का बकरा बना रही है, लेकिन बिना सरकार के सहमती तथा संज्ञान के इतने व्यापक स्तर पर ऐसी घटना नहीं हो सकती. फिजिक्स की कॉपी आर्ट्स के टीचर से, आर्ट्स की कॉपी विज्ञान के टीचर से जांच कराना यहां तक कि इंटर स्तर की कॉपी जांच में प्राइमरी तथा मिडल के शिक्षकों को लगाना बिना सरकार की सहमति के संभव ही नही है. आलम यह है कि IIT जैसी कठिन परीक्षा पास कर चुके छात्र भी राज्य सरकार की कृपा से फिजिक्स तथा मैथ में फ़ेल हो गए हैं. इतनी बड़ी लापरवाही के बावजूद नीतीश अपने मंत्री के खिलाफ़ कोई कदम उठाना तो दूर कुछ बोलने से भी बच रहे हैं. ज्ञातव्य हो कि शिक्षा विभाग में गत वर्षों में इस तरह के अनेको मामले आए हैं, लेकिन हर बिहार सरकार सरकारी कर्मियों पर कारवाई कर अपना पल्ला झाड़ लेती है. इससे नीतीश क्या यह साबित करना चाहते हैं कि शिक्षा मंत्रालय उनके मंत्री नहीं बल्कि कर्मी चलाते हैं? नीतीश यह बताए कि क्या उनके मंत्री की शिक्षा विभाग में कोई भूमिका नहीं ?”

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