एनआईओएस की परीक्षा में महिलाओं ने किया पुरूष से बेहतर प्रदर्शन

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नई दिल्ली. एनआईओएस की उच्‍चतर माध्‍यमिक (12वीं ) और माध्यमिक (10वीं) की परीक्षा 27 अप्रैल, 2017 को पूर्ण हुई तथा परिणाम की घोषणा 31 मई, 2017 और 02 जून, 2017 को की गई। उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर पर कुल 1,75,528 शिक्षार्थी परीक्षा में बैठे तथा 69,522 शिक्षार्थी (39.16%) परीक्षा में उत्‍तीर्ण हुए। माध्यमिक स्तर पर कुल 1,35,234 शिक्षार्थी परीक्षा में बैठे और 53,596 (38.96%) शिक्षार्थी परीक्षा में उत्तीर्ण हुए । महिलाओं ने पुरूष की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन किया।

राष्‍ट्रीय मुक्‍त विद्यालयी शिक्षा संस्‍थान (एनआईओएस) की स्थापना मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक स्‍वायत्‍त संस्‍थान के रूप में 1989 में राष्‍ट्रीय मुक्‍त विद्यालय के रूप में की गई थी ।  यह पूर्व-स्‍नातक स्‍तर के विविध समूहों के शिक्षार्थियों को शिक्षा प्रदान करता है। एनआईओएस का मिशन विेशेष रूप से लड़कियों, महिलाओं, ग्रामीण युवाओं, कामकाजी महिलाओं एवं पुरुषों, अ.जा. तथा अनु.ज.जा., दिव्‍यांग शिक्षार्थियों तथा अन्‍य अक्षम व्‍यक्तियों को शिक्षा प्रदान करना है जो अपनी औपचारिक शिक्षा प्राप्‍त नहीं कर सके। एनआईओएस 2.81 मिलियन संचयी नामांकन (पिछले 05 वर्षों में) के साथ विश्‍व का सबसे बड़ा मुक्‍त विद्यालय है। एनआईओएस माध्‍यमिक तथा उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर पर एक विशेष एकीकृत पाठ्यचर्या प्रदान करने वाला एकमात्र बोर्ड है।

शिक्षार्थियों के अंतिम मूल्‍यांकन का मूल्यांकन एकीकृत पाठ्यचर्या के आधार पर किया जाता है अर्थात् माध्‍यमिक के लिए 9वीं एवं 10वीं में तथा उच्‍चतर माध्‍यमिक के लिए 11वीं एवं 12वीं में प्राप्‍त की गई दक्षताओं के माध्‍यम से किया जाता है जबकि अन्‍य बोर्ड अपने शिक्षार्थियों का मूल्‍यांकन 10वीं तथा 12वीं के पाठ्यक्रम के आधार पर करते हैं।

एनआईओएस प्रणाली में विभिन्‍न सुविधाएं अंतर्निहित हैं। माध्‍यमिक तथा उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर पर शिक्षार्थियों को निरंतर शिक्षा प्राप्त करने योग्य बनाने के लिए एनआईओएस की अध्‍ययन प्रणाली योजना में निर्देश के माध्‍यम का चयन, सीखने की गति, शैक्षिक तथा व्‍यावसायिक विषयों का संयोजन, परीक्षा की लचीली योजना (शिक्षार्थी को उत्‍तीर्ण होने के लिए /परीक्षा में बैठने तथा ग्रेड सुधारने के 9 अवसर, क्रेडिट संचयन, अन्‍य बोर्डों से क्रेडिट स्‍थानांतरण, पांच वर्षों तक नामांकन की वैधता, आंशिक प्रवेश जैसी सुविधाएं हैं। यह वर्ष में दो बार सार्वजनिक परीक्षाएं आयोजित करता है तथा शिक्षार्थी वर्ष भर जब चाहो तब परीक्षा की सुविधा का लाभ भी उठा सकते हैं। शिक्षार्थी जब भी किसी विषय विशेष की परीक्षा देने के लिए तैयार हो वह अपनी परीक्षा की तिथि तथा स्‍थान चुन सकता है और परीक्षा दे सकता है।

पांच वर्षों की अवधि में, एक शिक्षार्थी को सार्वजनिक परीक्षा में बैठने के लिए अधिकतम नौ अवसर मिलते हैं। प्राप्‍त किए गए क्रेडिट तब तक एकत्रित रहते हैं जब तक शिक्षार्थी प्रमाणपत्र के लिए आवश्‍यक क्रेडिटों में उत्‍तीर्ण नहीं हो जाता। एनआईओएस एकमात्र ऐसा बोर्ड है जो यह सुविधा प्रदान करता है। अध्‍ययन सामग्री अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू माध्‍यम तथा अन्‍य क्षेत्रीय माध्‍यमों में उपलब्‍ध करायी गयी है। जब चाहो तब परीक्षा प्रणाली (ओड्स) माध्‍यमिक तथा उच्‍चतर माध्‍यमिक स्‍तर पर वर्ष भर चलती है। एनआईओएस उच्‍चतर माध्‍यमिक परीक्षाओं के लिए हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, बांग्‍ला, गुजराती तथा ओडिया माध्‍यम में 30 विषय चलाता है। इसके अतिरिक्‍त, एनआईओएस में शैक्षिक विषयों के साथ-साथ व्‍यावसायिक विषयों में शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान है।

प्रवेश के लिए अधिकतम आयु की कोई सीमा नहीं है। फिर भी, माध्‍यमिक पाठ्यक्रम में नामांकन के लिए न्यूनतम आयु 14 वर्ष तथा उच्‍चतर माध्‍यमिक पाठ्यक्रम के लिए 15 वर्ष है।

एनआईओएस के परीक्षा उपनियमों के अनुसार इसने विशुद्ध शैक्षिक कारणों से मॉडरेशन के लिए एक वैज्ञानिक पद्धति अपनायी है और उसी पद्धति का वर्षों से अनुसरण कर रहा है। इसका उद्देश्‍य विभिन्‍न विषयों के शिक्षार्थियों को सं‍बंधित विषयों में समान प्रतिशत के समान अवसर प्रदान करना है ताकि सभी परीक्षार्थियों समान स्‍तर की स्थिति उपलब्‍ध करायी जा सके। प्रश्‍नों की कठिनाई के स्‍तर, विषयों में उचित अंक देने के बाद शिक्षार्थियों के संपूर्ण लाभ को देखते हुए कुछ ही थे जिन्‍हें मॉडरेशन के लिए मानदण्‍डों की आवश्‍यकता होगी। मॉडरेशन अंक मुख्‍य रूप से उन शिक्षार्थियों के लिए हैं जो उत्‍तीर्ण नहीं हो सके अथवा जो बिल्‍कुल हाशिए पर परीक्षा उत्‍तीर्ण कर सके।

एनआईओएस पाठ्यक्रमों के लिए नामांकन पांच वर्ष की अवधि के लिए मान्‍य है तथा शिक्षा‍र्थी नौ सार्वजनिक परीक्षाओं में बैठ सकता है तथा प्रमाणपत्र प्राप्‍त करने के लिए पांच विषयों में उत्‍तीर्ण होने के लिए जब चाहो तब परीक्षा के माध्‍यम से जितनी बार चाहे अथवा जितने चाहे उतने अवसर लेकर परीक्षा में बैठ सकता है, क्‍योंकि वर्तमान परीक्षा के लिए विषयवार उत्‍तीर्ण प्रतिशत प्रमाणित प्रतिशत से भिन्‍न हो सकता है। एनआईओएस में माध्‍यमिक तथा उच्‍चतर माध्‍यमिक पाठ्यक्रम परीक्षा प्रमाणपत्र केवल एक बार परीक्षा में बैठने के आधार पर ही निर्धारित नहीं होता बल्कि यह प्रवेश की पांच वर्ष की मान्‍य अवधि के दौरान पूर्व परीक्षाओं संचित क्रेडिटों को भी स्‍वीकार करता है। अतः एनआईओएस में उत्‍तीर्ण प्रतिशत विभिन्‍न विषयों में प्राप्‍त अंकों के आधार पर होता है जो सदैव प्रमाणित प्रतिशत से हमेशा अधिक होता है।

शिक्षार्थियों को सितंबर-अक्तूबर, 2017 में निश्चित आगामी परीक्षा में बैठने के अवसर मिलेंगे । अन्य राज्य शिक्षा बोर्डों के असफल शिक्षार्थी भी ऑन डिमांड परीक्षा (जब चाहो तब परीक्षा) प्रणाली के माध्यम से एनआईओएस में परीक्षा देने का अवसर प्राप्त कर सकेंगे ।

 

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