आदिम जनजातियों के घर पर सरकार पहुंचाएगी सीलबंद खाद्यान्न-रघुवर दास

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हिमांशु शेखर.रांची.झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकार एक अप्रैल से जनजातियों के घर तक सील बंद पैकेट में खाद्यान्न पहुँचायेगी। उन्होंने कहा कि आदिम जनजाति बटालियन में पहली बार 956 आदिम जनजाति परिवार के युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया गया है। आदिम जनजाति  योजनाओं का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन एवं मूल्यांकन हो इसके लिए आदिम जनजाति विकास प्राधिकार का गठन कर इसमें आदिम जनजाति के सदस्यों को जगह दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री शनिवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के परिसर में द्वितीय आदिम जनजाति महासम्मेलन 2017 को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि गांव के सब्जी उत्पादकों को सही मूल्य मिल सके इसके लिए फुड प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जा रहा है। मोमेंटम झारखण्ड कार्यक्रम के अवसर पर फुड प्रोसेसिंग प्लान्ट लगाने के लिए कई एमओयो भी किए गए हैं। गरीबी को समाप्त करने के लिए कृषि के साथ-साथ उद्योग का विकास भी जरूरी है । इससे काफी रोजगार  मिलेगा। देश का 62 प्रतिशत लाह एवं 60 प्रतिशत कोकुन झारखण्ड में होता है। लेकिन इससे जुडे़ ग्रामीणों को उचित मुल्य नहीं मिल पाता है। इसके लिए अलग से बोर्ड गठन किया गया है। गांव में उद्यमी सखी मंडल एवं नवयुवक मंडल होंगे। इस कार्य को व्यवसायिक तरीके से किया जाएगा, ताकि उनको अधिक से अधिक लाभ मिल सके।

श्री दास ने कहा कि झारखण्ड का हर बच्चा शिक्षित और हुनरमंद होगा । डिगरी के साथ हुनर की भी आवश्यकता है ताकि वे अपनी प्रतिभा के बल पर कहीं भी रोजगार हासिल कर सकें । उन्होंने कहा कि कम उम्र में बेटी की शादी समाज के लिए कलंक है। पहले पढ़ाई फिर विदाई । बेटी लक्ष्मी है, सरस्वती है और शक्तिस्वरूपा है।

इस अवसर पर कल्याण मंत्री ड़ॉ लुईस मरांडी, प्रधान सचिव निधि खरे, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ड़ॉ पी. कौशल, ट्राईफेड के ड़ॉ सुनील कुमार मालाकार, राष्ट्रीय अनुसुचित जनजातीय आयोग के सूरज कुमार, राजेन्द्र अगरिया, राज्य के विभिन्न क्षेत्र से आए विभिन्न आदिम जनजाति के लोग उपस्थित थे।

 

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