23 को पेश होगा झारखंड का बजट,गांव-गरीब पर फोकस

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हिमांशु शेखर.रांची. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सरकार सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट 23 फरवरी को विधानसभा में पेश किया जाएगा।बजट गरीब, नौजवान, महिलाओं और गांव के कल्याण पर केन्द्रित होगा। स्वतंत्रता आंदोलन मे भागीदारी निभानेवाले टाना भगतों के उत्थान का भी प्रावधान आगामी बजट में किया गया है। ये बजट गांव के विकास पर आधारित होगा। मुख्यमंत्री किचन प्रारंभ करने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री रविवार को लोहरदगा के बीएस कॉलेज स्टेडियम में आयोजित जिला विकास उत्सव सह मेला एवं स्वच्छता कार्यक्रम में बोल रहे थे।

श्री दास ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना समाप्त हो गई लेकिन गरीबी और बेरोजगारी कम नहीं हुई क्योंकि योजनाओं में आम लोगों की सहभागिता नहीं हो पायी। राज्य सरकार का प्रयास है कि हर गांव समरस गांव बने और इसमें लोगों की सहभागिता सुनिश्चित हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तकनीकी युग में जी रहे हैं, अगर समय के साथ हम नहीं चले तो पीछे छूट जायेंगे। दो साल के अंदर राज्य के सभी पंचायत सचिवालयों में भारत नेट के जरिये इंटरनेट की सुविधा मुहैया करायी जायेगी। सभी 32 हजार गांव इंटरनेट से जुडेंगे। तीन साल के अंदर राज्य के 30 लाख घरों में बिजली पहुंचेगी। यह कार्य कठिन है, लेकिन असंभव नहीं। राज्य सरकार ने इसके लिए योजना तैयार कर ली है। श्री दास ने कहा कि वार्ड सदस्य और मुखिया अपनी जिम्मेवारी को समझें और जन सहभागिता से अपने गांव का विकास करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और गांव को विकसित करने के लिए मुखिया और वार्ड सदस्य ही प्रशिक्षण नहीं लेंगे बल्कि राज्य के मंत्री, अधिकारी, भी आईआईएम गुजरात से प्रबंधन के तरीके सीखेंगे ताकि उन्हें मालूम हो कि राज्य का विकास कैसे करना है। सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का कार्य जिला, प्रखंड स्तर पर होगा। उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चे ड्राप आउट न हों यह सरकार की प्राथमिकता है। यदि कोई बच्चा पढ़ाई का खर्च वहन करने के लिए असक्षम है तो 181 पर कॉल करें। तुरत उसके नामांकन के लिए कार्रवाई की जायेगी। किसी भी बच्चे को पढ़ाई से वंचित नहीं किया जायेगा।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत लाभुकों के बीच 30 हजार के चेक, टाना भगतों के बीच वन पटटा का वितरण किया। मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि पूरे राज्य में वार्ड सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आज से प्रारंभ हुआ है। इसके तहत 52807 वार्ड सदस्य को प्रशिक्षण मिलेगा। उन्होंने कहा कि वार्ड सदस्य ग्राम सभा के लिए उत्तरदायी हैं। ग्रामसभा लोकतंत्र में सबसे छोटा प्रत्यक्ष स्वरूप है। स्वशासन हेतु प्रशिक्षण जरूरी है ताकि वार्ड सदस्य अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सकें द्य वार्ड सदस्य इस प्रशिक्षण से पंचायती राज व्यवस्था के मूलभाव को समझेंगे। श्रीमती वर्मा ने कहा कि स्वशासन का महत्व स्पष्ट है जरुरत इसे मजबूत करने की है। राज्य सरकार इसे मजबूत करने का प्रयास कर रही है।कार्यक्रम में ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता सचिव नीतिन मदन कुलकर्णी, पंचायती राज सचिव वंदना डाडेल, स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक सहित कई लोग मौजूद थे।

 

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