रांची में अनुपम खेर की खरी-खरी बातें..जानें

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संवाददाता.रांची. आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि हम आज इतिहास बनाने की ओर कदम बढ़ा रहे है. झारखण्ड में नई फिल्म नीति बनी है, और उस नई फिल्म नीति के आधार पर आज तकनीकी सलाहकार समिति की पहली बैठक है. आज जो हम निर्णय लेंगे और उस पर कार्य करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे तो आनेवाले 25 सालों के बाद जब रजत जयंती मना रहे होंगे तो हम कह सकेंगे कि आज का दिन कितना ऐतिहासिक और कितना महत्वपूर्ण था. हमारी कोशिश होगी कि इस अच्छे कार्य में पालिटिक्स को नहीं आने दें, क्योंकि पालिटिक्स जैसे ही आयेगी, काम प्रभावित होगा, क्योंकि मुझे जो बुरा लगता है, मैं साफ-साफ कह देता हूं.

शुक्रवार को सूचना भवन में आयोजित झारखण्ड फिल्म तकनीकी सलाहकार समिति की प्रथम बैठक सह सम्मान समारोह में सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता पद्म भूषण अनुपम खेर ने ये खरी खरी बातें की.

उन्होंने कहा कि हम ऐसा काम करें, जिससे एक नया आयाम स्थापित हो, ताकि यह राज्य पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी एक नया आयाम स्थापित करें. उन्होंने कहा कि उनके पिता क्लर्क थे, एक छोटे से कमरे में रहते थे. उन्होंने सपने देखे और उन सपनों को पूरा किया. सपने देखने चाहिए और सपने पूरे भी करने चाहिए पर इसके लिए सबका साथ और सबका विश्वास जरूरी है. श्री खेर ने कहा कि जो उन्हें रिस्पासिंबिलिटी दी गयी है, वे कोशिश करेंगे कि उन्हें पूरा करें. उम्र 90-95 की हो या 70-75 की, कोई मायने नहीं रखता, अगर आप सीखना चाहते हैं तो हर उम्र में सीखने की कला का होना जरूरी है, और मैं ये करता हूं, क्योंकि ये मेरे लिए बड़ी बात है.

झारखण्ड में टैलेंट है, क्योंकि जब उन्होंने धौनी व गुंडे और गुड़िया फिल्म की शुटिंग कर रहे थे तो यहां के बहुत सारे कलाकारों के साथ काम करने का अवसर मिला. उनके तजुर्बे और कला के प्रति समर्पण ने बता दिया कि वे मुंबई के न होकर भी, मुंबई के कलाकारों से किसी भी स्थिति में कम नहीं हैं. मैंने यहां के अधिकारियों, सामाजिक व सांस्कृतिक कलाकारों और यहां के लोगों की सादगी देखकर अभिभूत हुआ, क्योंकि जब मैं बचपन में कहीं जाता था तो देखता था कि लोग आम तौर पर सच्चे और अच्छे होते है, पर जैसे – जैसे शहरीकरण बढ़ता है, उसका छाप भी पड़ना शुरू हो जाता है, पर यहां के लोग फिलहाल उन बुराइयों से दूर है. उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रगति जरूरी है, पर उससे भी ज्यादा जरूरी है सांस्कृतिक रूप से ज्यादा मजबूत होना. यहां काफी संभावनाएं है, उन संभावनाओँ को और मजबूत बनाना है.

श्री खेर के कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, हमने सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के चार लोगों को सम्मान दिया है, क्योंकि उन्होंने बेहतर कार्य किये, जो बताता है कि राज्य के उत्थान के लिए हमें क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे कश्मीर के रहनेवाले है, पर हिमाचल में पले-बढ़े, ये अलग बात है, पद्म भूषण मिला, पर वे आम आदमी के रूप में ही ज्यादा दिखना चाहते है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि झारखण्ड जैसा राज्य जो फिलहाल पनपने की स्थिति में है, इसे और आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है, इसलिए उन्होंने झारखण्ड को चूना, स्वीकार किया और हम इसे बेहतर स्थिति में आप सबके सहयोग से ले आयेंगे।

सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने अनुपम खेर का स्वागत करते हुए कहा कि वे किसी भी परिचय के मोहताज नहीं। वे फिल्मों और टीवी के माध्यम से हर जगह मौजूद है, इसलिए उन्हें नहीं लगता कि वे पहली बार उनसे मिल रहे है, लगता है कि कल की ही बात हो। अनुपम खेर जी की सादगी और उनका चरित्र बहुत कुछ कह देता है। उन्होंने कहा कि बचपन में मैने उनकी फिल्म सारांश देखी थी, जो उन्हें बहुत प्रभावित किया।उन्होंने कहा कि इंसान का चरित्र ही उसकी बड़ी पूंजी है, जब आप विपरीत परिस्थितियों में रहकर भी आप बिना किसी समझौते के अपने चरित्र की मदद से आगे बढ़ते है तो आप का असली व्यक्तित्व निखर कर सामने आता है। चरित्र की परीक्षा विषम परिस्थितियों में ही होती है। अनुपम खेर बहुत बड़ी व्यस्त व्यक्ति है, पर उसके बावजूद भी झारखण्ड के लिए उन्होंने समय निकाला, ये राज्य के लिए बड़ी बात है। झारखण्ड फिल्म तकनीकी सलाहकार समिति की प्रथम बैठक -सह – सम्मान समारोह में सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता पद्म भूषण अनुपम खेर ,सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार,सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के निदेशक अवधेश कुमार पांडेय उपस्थित थे।

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