क्या टॉपर्स घोटालेबाजों को लालू-नीतीश का है संरक्षण?

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निशिकांत सिंह.पटना.क्या टॉपर्स घोटाले में लालू-नीतीश की भी भूमिका है? इस तरह का सवाल पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने उठाया है.उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व लालू प्रसाद पर मिली भगत का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा  है कि टॉपर्स घोटाला के मुख्य अभियुक्त लालकेश्वर प्रसाद सिंह को तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर दबाव डाल कर बीएसईबी के अध्यक्ष पद पर नियुक्त कराने वाले नीतीश कुमार और घोटाले के किंगपिन बच्चा राय को संरक्षण देने वाले लालू प्रसाद से एसआईटी ने अब तक पूछताछ क्यों नहीं की है? एसआईटी को इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि बच्चा राय और लालकेश्वर सिंह ने अपने संरक्षण की क्या कीमत महागठबंधन को दी है?

एक बयान में सुमो ने कहा कि पटना कॉलेज के प्रिंसिपल के तौर पर लालकेश्वर प्रसाद सिंह पर वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बावजूद नीतीश कुमार ने उन्हें बीएसईबी के अध्यक्ष पद पर दबाव डाल कर नियुक्त क्यों करवाया? पिछले साल जब परीक्षा में खुलेआम नकल कराने की फोटो पूरी दुनियां में वायरल हुई और बिहार को शर्मसार होना पड़ा तथा बच्चा राय के कॉलेज के 222 छात्रों के समान अंक आने पर सवाल उठा तब क्यों नहीं बोर्ड के अध्यक्ष को हटाया गया? विधान परिषद में जब जदयू के पार्षदों ने कॉलेजों को सम्बद्धता देने में भ्रष्टाचार का मामला उठाया तब नीतीश कुमार ने लालकेश्वर प्रसाद सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?

मोदी ने कहा कि जब लालकेश्वर प्रसाद सिंह और उनकी पत्नी डा. ऊषा सिन्हा के बारे में नीतीश कुमार को सारी जानकारी थी तो फिर अपनी पार्टी का टिकट देकर ऊषा सिन्हा को चुनाव क्यों लड़वाया? क्या यह सच नहीं है कि विगत चुनाव में ऊषा सिन्हा को इसलिए टिकट नहीं मिला क्योंकि उनकी सीट राजद के हिस्से में चली गयी. आखिर तमाम आरोपों व विवादों के बावजूद नीतीश कुमार लालकेश्वर और ऊषा सिन्हा को संरक्षण क्यों देते रहे हैं?

इसी प्रकार जब बच्चा राय का कॉलेज पिछले कई सालों से परीक्षा में गड़बड़ियों को लेकर बदनाम था तो फिर राजद प्रमुख लालू प्रसाद बच्चा राय को संरक्षण क्यों दे रहे थे? अगर बच्चा राय का लालू प्रसाद के साथ धनिष्ठ संबंध नहीं था तो उनके चुनावी मंच पर वे कैसे बैठे रहते थे? एसआईटी को नीतीश कुमार और लालू प्रसाद से घोटालेबाजों को संरक्षण देने के संबंध में पूछताछ करने के साथ ही इस बात की भी तहकीकात करनी चाहिए कि बच्चा राय और लालकेश्वर सिंह ने संरक्षण के एवज में महागठबंधन को क्या कीमत चुकायी थी?

उधर मोदी के आरोप पर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह भड़क गए. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी अब जांच अधिकारी हो गए है ? अब वो पुलिस को ये बताएगें कि किससे पुछताछ करें और किससे पुछताछ ना करें ? एसआईटी जांच किस ओर जाएंगी इसकी चिंता सुशील मोदी को हो रही है ? सुशील मोदी दुसरे को छोड़ अपनी चिंता करे तो उनके राजनैतिक जीवन के लिए ठीक होगा. लेकिन सुशील मोदी एक ऐसे जीव है जो अक्सर परेशान रहते है . सुशील मोदी को परेशान होने कोई जरुरत नही है सरकार खुद से इतनी सक्षम है की कि रिजल्ट मामले में तह तक जाकर दोषियों को पकड लेगी. प्रशासन लगातार दोषियों पर दबाव बना रही है और कार्रवाई कर रही है. गिरफ्तारियों का दौर जारी है किसी को भी बख्शा नही जा रहा है. नीतीश कुमार किसी को संरक्षण नही देते है वो ना किसी फंसाते है और ना ही बचाते है.सुशील मोदी कतई इस बात की चिंता ना करें कि दोषियों को उनके ओहदेदार पहुंच के कारण छोड़ दिया जाएगा . जो इस मामले दोषी होगा उसपर कार्रवाई निश्चित है .

 

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