कहां रची गई पत्रकार राजदेव हत्या की साजिश ?

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संवाददाता.सिवान. पत्रकार राजदेव की हत्या की साजिश का अब संकेत मिलने लगा है.इस बात का खुलासा जल्द ही होगा. पुलिस मानती है कि हत्या की घटना को सुपारी किलर्स ने अंजाम दिया. इसकी साजिश सिवान जेल में ही रची गई थी.

हालांकि डीजीपी से लेकर सिवान पुलिस तक कोई स्पष्ट तौर पर पूर्व राजद सांसद मो.शहाबुद्दीन का नाम नहीं ले रहा लेकिन उनके करीबियों व शूटरों की गिरफ्तारी व उनसे पूछताछ के कारण शक की सुई उसी तरफ घूम रही है. अभी तक मिले साक्ष्य इतना तो इशारा कर रही है कि हत्याकांड की योजना सिवान जेल से बनायी गई थी और सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया .

इस हत्याकांड के सिलसिले में पुलिस ने शहाबुद्दीन के नजदीकी माने जाने वाले उपेंद्र सिंह से पूछताछ  की. उसने बताया कि राजदेव रंजन की हत्या के निर्देश करीब 15 दिन पहले हीसिवान जेल से दिए गए थे. उपेंद्र सिंह से हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस अब सिवान जेल से हाल में बाहर आए तीन अपराधियों की तलाश कर रहीं है. सूत्र बताते है कि उन्हें ही राजदेव की हत्या  की सुपारी दी गयी थी.

उपेंद्र सिंह शहाबुद्दीन गिरोह का शार्प शूटर है. भाजपा नेता श्रीकांत भारती की हत्या के मामले में वह मुख्य अरोपी है. श्रीकांत भारती की हत्या नवंबर 2004 में हुई थी. उपेंद्र को जून 2005 में गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वह जमानत पर है. राजदेव रंजन की हत्या के सिलसिले में उससे पूछताछ की गई . पुलिस फिलहाल  उसे उत्पाद अधिनियम के तहत जेल भेज दिया है.

पुलिस के अनुसार पूरी योजना बनाकर हत्या की गई है. हत्या का स्थान रेलवे स्टेशन रोड है, जहां पर पहले भी दो शहाबुद्दीन के विरोधी रहे लोगों की हत्या हो चुकी है. घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरा के फूटेज को भी तुरंत डिलीट कर दिया गया . हालांकि अब इसकी 70 प्रतिशत रिकवरी हो चुकी है. एसपी सौरभ शाह ने जानकारी दी है कि 15 दिन पहले ही साजिश रची गई थी. हत्या पूरी योजना बनाकर की गई . उन्होंने बताया कि इलाके के तीन सीसीटीवी कैमरों में से एक इलाके के कुछ हिस्सों को ही कवर कर पाता है. दूसरे के फूटेज ही स्प।ट नहीं है. तीसरे सीसीटीवी में सिर्फ 10 मई तक के ही रिकॉर्डस है. जबहकि डीजीपी पीके ठाकुर ने कहा कि सीसीटीवी के फूटेज डिलीट कर देने की बात सामने आई थी जिसके रिकवरी हमने 70 प्रतिशत कर ली है.

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