अपने घर में ही शौचालय नहीं,वे मुखिया बन बनाएंगें निर्मल ग्राम

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sachivalaya

निशिकांत सिंह.पटना. जिनके अपने घर में ही शौचालय नहीं,वे मुखिया बनकर बनाएंगें निर्मल ग्राम और स्वच्छ भारत-स्वच्छ बिहार के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगें. जी हां,नीतीश सरकार ने पंचायती राज अधिनियम में संशोधन कर यह सुविधा देने जा रही है. वर्तमान अधिनियम के अनुसार जिसके घर में शौचालय नहीं वे स्थानीय निकाय के चुनाव में उम्मीदवारी के लिए आयोग्य हैं. संशोधन से संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट की आज मंजूरी मिली.

बिहार सरकार ने पंचायत नियमावली अधिनियम 2006 के नियमावली में संशोधन की स्वकृति नीतीश मंत्रिमंडल ने दे दी है. आज हुए मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 28 एजेंडो पर मुहर लगाई गई. बैठक के बाद जानकारी देते हुए कैबिनेट  विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेरहोत्रा ने कहा कि आज मंत्रिमंडल ने कई अहम अहम एजेंडों पर अपनी स्वीकृति प्रदान की.

उन्होंने बताया कि पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 (बिहार अधिनियम 6, 2006) की धारा 136 की उप-धारा (1) के खंड (ट) को विलोपित करने हेतु बिहार पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश, 2016 प्रख्यापित करने की स्वीकृति प्रदान की गई. तदनुसार पंचायती राज के आम निर्वाचन के पदों (मुखिया तथा अन्यान्य जनप्रतिनिधियों के पद) पर 01 जनवरी, 2016 तक या उससे पूर्व घर में शौचालय का निर्माण नहीं किये जाने पर निर्वाचन में खड़ा होने हेतु अपात्र होने को विलोपित किया गया है. इस धारा के हटने के बाद अब कोई भी जिला परिषद, मुखिया, पंचायत समिति. सरपंच पंच एवं वार्ड काउंसलर का चुनाव लड़ सकता है. बिहार मंत्रिमंडल के इस निर्णय से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ्य भारत अभियान को झटका लग सकता है. पहले के नियमावली के अनुसार जिसे भी पंचायत चुनाव लड़ना था वह अपने घर में शौचालय का निर्माण करा रहा था, लेकिन मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद जिनके घर में शौचालय नहीं है उन्हें एक प्रकार से राहत मिल गई है.

इसके अलावा गन्ना उद्योग विभाग के अन्तर्गत राज्य के चीनी उद्योग के समक्ष उत्पन्न आर्थिक संकट के आलोक में राज्य के गन्ना उत्पादक कृषकों को पेराई सत्र 2015-16 के लिए बढ़े ईख मूल्य के ससमय भुगतान सुनिश्चित कराने के निमित्त राज्य की चीनी मिलों को आर्थिक पैकेज के रूप में इनके द्वारा पेराई सत्र 2015-16 में क्रय किये गए गन्ने पर 21.75 रू. प्रति क्विंटल की दर से ईख मूल्य अनुदान देने, पेराई सत्र 2015-16 के लिए ईख ‘‘क्रय-कर’’ की अदायगी से छूट प्रदान करने एवं क्षेत्रीय विकास परिषद् कमीशन ईख मूल्य के दर का 1.80ः से घटाकर 0.20ः का पुनर्निधारण करने की स्वीकृति दी गई.

कैबिनेट की बैठक में सहकारिता विभाग के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत वर्ष 2014-15 का अव्यवहृत अवशेष राशि का बिहार राज्य आकस्मिकता निधि से रु0 14,94,40,000.00 (चैदह करोड़ चैरानवे लाख चालीस हजार) अग्रिम की स्वीकृति दी गई. वाणिज्य-कर विभाग के अन्तर्गत विभाग के पुराने एवं अप्रचलित अभिलेखों के सुरक्षित रख-रखाव एवं डिजिटाईजेशन की स्वीकृति तथा वाणिज्य-कर विभाग के ही अन्तर्गत बिहार मनोरंजन कर नियमावली, 1984 एवं बिहार होटल विलास वस्तु कराधान नियमावली, 1988 में संशोधन करने की स्वीकृति दी गई. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के अन्तर्गत बिहार पशु चिकित्सा सेवा (संशोधन) नियमावली-2016 के गठन की स्वीकृति दी गई तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के ही अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल रु0 3.00 करोड़ (रु0 तीन करोड़) मात्र की अनुमानित लागत पर शत्-प्रतिशत केन्द्रीय योजनागत-योजना के तहत नेशनल प्लान फार डेयरी डेवलपमेन्ट अन्तर्गत राज्य के 14 जिलों फेज सात के अन्तर्गत सारण, शेखपुरा, खगडि़या एवं दरभंगा, फेज-टप्प्प् अन्तर्गत भोजपुर, बक्सर, रोहतास एवं कैमूर तथा अन्तर्गत सीतामढ़ी, पूर्वी एवं पश्चिमी चम्पारण, शिवहर, गोपालगंज एवं सिवान में समेकित गव्य विकास कार्यक्रम की योजना का क्रियान्वयन कॉम्फेड, पटना के माध्यम से क्रियान्वित करने की स्वीकृति दी गई.

 

 

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