फर्जी है पीयू छात्रसंघ अध्यक्ष पर दर्ज किया गया मुकदमा- पप्पू यादव

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संवाददाता.पटना.पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष कुमार पर दर्ज किये गए एफआईआर पर जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि यह एफआईआर एक सोची-समझी साजिश के तहत दर्ज किया है। मनीष ने दूसरे राज्यों में फसें बिहार के छात्रों को वापस लाने के लिए सरकार के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसलिए राज्य सरकार ने उनकी आवाज को दबाने के लिए यह केस दर्ज करवाया है। यह जद(यू) और उसकी छात्र ईकाई की साजिश है।

जाप सुप्रीमो ने कहा कि राज्य में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। पटना विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है और आधारभूत संरचना का अभाव है। जन अधिकार छात्र परिषद् हमेशा से ही छात्रों के हितों को उठाती रही है और आगे भी उठाएगी। छात्र नेताओं पर केस कर सरकार हमें रोक नहीं सकती। छात्रों के हितों के लिए जो कुछ भी संभव हो पाएगा वो हम करेंगे।
अपने खिलाफ हुए एफआईआर पर मनीष कुमार ने कहा कि, मुझ पर मुकदमा धारा 302 यानी हत्या का दर्ज किया है। यह मामला 17 सितम्बर 2019 को दर्ज किया था। पटना विश्वविद्यालय में चुनाव लड़ने से पहले लिंगदोह कमिटी सभी उम्मीदवारों की जांच करती है जिसे राजभवन और पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर बनाया गया था। जिस उम्मीदवार पर आपराधिक मुकदमा होता है उसे चुनाव में हिस्सा नहीं लिया दिया जाता। मैनें चुनाव लड़ने के लिए अपना पर्चा 29 नवम्बर को भरा था। अगर मैं हत्या के आरोप में दोषी था तो मुझे नॉमिनेशन क्यों करने दिया गया या बाद में मेरा नॉमिनेशन रद्द क्यों नही किया गया। अब हत्या के 10 महीने बाद जब मैं आंदोलन के केस में जेल आया तब मुझ पर ये मुकदमा क्यों किया गया है? यह पूरी तरह से फर्जी है।
बता दें कि 28 अप्रैल को मनीष कुमार अपने अन्य साथियों के साथ बिहार के प्रवासी मजदूरों और कोटा और दूसरे राज्यों में फसें छात्रों को बिहार वापस लाने की मांग को लेकर शांतिपूर्ण ढ़ंग से पटना विश्वविद्यालय गेट पर आंदोलन कर रहें थे। पीयू गेट से मनीष को पीरबहोर थाना की पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

 

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