पुनौरा धाम को मिलेगा नया रूप, अयोध्या मंदिर की तर्ज पर होगा विकास

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सीएम नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि पुनौरा धाम का विकास

सीतामढ़ी, बिहारसीएम नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि पुनौरा धाम का विकास अयोध्या मंदिर की तरह होगा।इस परियोजना के लिए ₹883 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।

नीतीश कुमार ने कहा कि मां जानकी का जन्मस्थान अब भव्य रूप लेगा

विकास कार्य में स्थापत्य कला, धार्मिक महत्व और सांस्कृतिक मूल्यों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।

यह बिहार में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है।

कैसा होगा पुनौरा धाम का नया स्वरूप?

बिहार सरकार की योजना के अनुसार:

  • अयोध्या मंदिर की तर्ज पर एक भव्य मंदिर परिसर बनाया जाएगा।
  • धार्मिक कॉरिडोर का निर्माण होगा, जो अलग-अलग मंदिरों को जोड़ेगा।
  • श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला, पार्किंग, पेयजल, शौचालय और प्रकाश व्यवस्था की सुविधा मिलेगी।
  • परिसर में साउंड एंड लाइट शो, रामायण थीम म्यूजियम और अन्य आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
  • सड़क और रेल कनेक्टिविटी को भी बेहतर किया जाएगा।

 

सरकार की मंशा साफ – धार्मिक विरासत को मिले सम्मान

सीएम नीतीश ने कहा,

बिहार की धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान को हम वैश्विक स्तर पर ले जाना चाहते हैं। पुनौरा धाम का विकास हमारी संस्कृति की आत्मा को जगाने का माध्यम बनेगा।”

 

राजनीतिक मायनों में भी बड़ा दांव

2025 के चुनावी माहौल में यह फैसला अहम माना जा रहा है।यह धार्मिक आस्था और क्षेत्रीय विकास ,दोनों से जुड़ा हुआ है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के मतदाताओं को लक्षित कर सकता है।
यह रणनीति चुनावी राजनीति का हिस्सा हो सकती है।

 

स्थानीयों में उत्साह, कहा- अब हमारा गौरव लौटेगा

पुनौरा धाम और आसपास के गांवों में इस घोषणा के बाद खुशी की लहर है।

लोगों का कहना है कि इससे पर्यटन बढ़ेगा, रोज़गार मिलेगा और इलाके की सड़कें, बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाएं सुधरेंगी।

 

क्या कहते हैं जानकार?

धार्मिक मामलों के जानकारों का कहना है कि यह फैसला लंबे समय से मां जानकी के उपेक्षित जन्मस्थान को उसकी योग्य पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

यदि परियोजना तय समय में पूरी हुई, तो यह स्थल अंतरराष्ट्रीय धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख केंद्र बन सकता है।

पुनौरा धाम: आस्था, संस्कृति और विकास का संगम

नीतीश सरकार का यह फैसला केवल धार्मिक आस्था का सम्मान नहीं है। यह सांस्कृतिक पुनर्जागरण और क्षेत्रीय विकास की दिशा में भी एक ठोस कदम है।

मां जानकी के जन्मस्थान को विश्वस्तर पर पहचान दिलाने की यह कोशिश सराहनीय है।
यह प्रयास बिहार को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर मजबूत जगह दिला सकता है।

अगर परियोजना समय पर और अच्छी गुणवत्ता के साथ पूरी होती है, तो इसका असर व्यापक होगा।
सीतामढ़ी का गौरव लौटेगा और हजारों लोगों को रोज़गार, व्यापार और आत्मसम्मान के नए अवसर मिलेंगे।

मुख्य बिंदु: पुनौरा धाम विकास योजना

  • बिहार सरकार ₹883 करोड़ की लागत से सीतामढ़ी के पुनौराधाम का विकास अयोध्या राम मंदिर की तर्ज पर करेगी।
  • योजना में भव्य मंदिर परिसर, धार्मिक कॉरिडोर, रामायण थीम म्यूजियम और साउंड एंड लाइट शो शामिल हैं।
  • श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला, शौचालय, पेयजल, प्रकाश व्यवस्था और पार्किंग जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
  • सड़क और रेल कनेक्टिविटी को बेहतर किया जाएगा ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे बिहार की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दिशा में कदम बताया है।
  • यदि परियोजना समय पर पूरी होती है, तो इससे सीतामढ़ी को नई पहचान मिलेगी और हजारों लोगों को रोज़गार के अवसर मिलेंगे।

 

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