गोपालगंज सत्तर घाट पुल के बह जाने का क्या है सच?

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संवाददाता.पटना.गोपालगंज के सत्तर घाट पर नवनिर्मित पुल के बह जाने की खबर पर जहां प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरा वहीं सरकार द्वारा स्पष्ट किया गया कि मूल पुल पुरी तरह सुरक्षित है सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है। गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज़्यादा है । इस कारण पुल के पहुँच का सड़क का हिस्सा कट गया है।

एक ओर पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबर को झूठ बताकर बाढ के दबाव में छोटे पुल के एप्रोच पथ के बह जाने की बात कर रहें हैं तो दूसरी ओर राजद-कांग्रेस के नेता उदघाटन के एक माह के अंदर पुल के क्षतिग्रस्त होने की घटना की जांच की मांग कर रहे हैं।इसे भ्रष्टाचार का बड़ा मामला बता रहे हैं।

सरकार ने इस मामले में सही तथ्य को रखते हुए बताया कि यह अप्रत्याशित पानी के दबाब के कारण हुआ है।इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुक़सान नहीं हुआ है।मुख्य सत्तर घाट पुल जो 1.4 किमी लंबा है वह पूर्णतः सुरक्षित है।पानी का दबाव कम होते ही यातायात चालू कर दिया जाएगा।इस योजना में कोई अनियमितता का मामला नहीं है।यह प्राकृतिक आपदा है और विभाग पूरी तरह मुस्तैद है।

 

 

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