अगले पांच साल में एक करोड़ रोजगार उपलब्ध कराने का संकल्प
संवाददाता, पटना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार के पहले कौशल विश्वविद्यालय “भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय” का उद्घाटन किया। यह विश्वविद्यालय बिहार के युवाओं को आधुनिक कौशल विकास और रोजगारपरक शिक्षा के नए अवसर उपलब्ध कराएगा।
उद्घाटन समारोह और प्रमुख हस्तियां
इस ऐतिहासिक अवसर पर राजधानी पटना के संकल्प, एक अण्णे मार्ग से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा जुड़े रहे।
साथ ही, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और बिहार के संसदीय कार्य एवं जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम का हिस्सा बने।
पटना के बापू सभागार में आयोजित समारोह में श्रम संसाधन विभाग द्वारा चयनित 4000 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए गए। यह नियुक्ति पत्र वितरण बिहार सरकार के उस संकल्प का हिस्सा है, जिसके तहत अगले पांच वर्षों (2025-30) में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य है।
रोजगार नीति और भविष्य की योजना
श्रम संसाधन विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र वितरण राज्य सरकार की रोजगार नीति का ठोस उदाहरण है।
इसके अतिरिक्त, अगले पांच वर्षों में नौकरी और रोजगार के अवसर तलाशने तथा नई नीतियां बनाने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।
यह कदम बिहार को आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। इसका लाभ सीधे राज्य की युवा आबादी को मिलेगा।
नेताओं का संकल्प और मौजूदगी
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।
सभी नेताओं ने बिहार के युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में नए अवसर उपलब्ध कराने के संकल्प को दोहराया।
कुलपति दीपक आनन्द, रजिस्ट्रार राजेश भारती, श्रमायुक्त और अन्य विभागीय अधिकारी भी मौजूद रहे।
फिलहाल राजधानी के दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान से विश्वविद्यालय का संचालन होगा।
कानूनी अधिसूचना और प्रावधान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विश्वविद्यालय का विधिवत उद्घाटन किया। इसके लिए बिहार सरकार पहले ही अपनी आधिकारिक अधिसूचना जारी कर चुकी थी।
अधिनियम-2025 की धारा-11 के तहत श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद को पहला कुलपति और श्रम आयुक्त राजेश भारती को रजिस्ट्रार नियुक्त किया गया है। प्रारंभिक स्तर पर संचालन दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान से किया जाएगा।
विधेयक और भविष्य की भूमिका
गौरतलब है कि बिहार विधानमंडल ने सर्वसम्मति से “जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक-2025” को मंजूरी दी थी।
यह विश्वविद्यालय राज्य में चल रहे सात निश्चय पार्ट-1 और पार्ट-2 के कौशल विकास कार्यक्रमों का विस्तार करेगा।
बदलते वैश्विक बाजार और तेजी से बदलते रोजगार क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए, उन्नत और प्रासंगिक पाठ्यक्रमों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में श्रम संसाधन विभाग ने इस विवि की स्थापना की।
युवाओं के लिए अवसर
यह विश्वविद्यालय न केवल कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा, बल्कि उद्यमशीलता, व्यावसायिक शिक्षा, शोध और नवाचार से जुड़े कार्यक्रमों को भी बढ़ावा देगा।
साथ ही, पूरे राज्य में कौशल विकास से जुड़े संस्थानों को संबद्धता प्रदान की जाएगी।