फ्री होल्ड करने की मांग को लेकर खासमहाल के निवासियों का हस्ताक्षर अभियान

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संवाददाता.पटना. खासमहाल सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी पटना के द्वारा एक हस्ताक्षर अभियान एवं प्रेस वार्ता का आयोजन बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन कदम कुआं में किया गया। बैठक की अध्यक्षता राजीव शर्मा, उपाध्यक्ष एवं  शैलेंद्र नाथ सिन्हा, महासचिव ने किया । इस दौरान सरकार की खासमहाल नीति से खासमहाल निवासियों को होने वाली मुश्किल ,लाचारी और बेबसी के खिलाफ लीज धारियों ने एकजुट होकर हर मोर्चे पर अपने हक के लिए लड़ने का निर्णय किया है। खासमहाल के निवासियों को फ्री होल्ड से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।

इसी क्रम में खासमहाल सोसाइटी के द्वारा हस्ताक्षर अभियान का शुरुआत किया गया एवं इसे राज्य के अन्य जिलों में जारी रखने का प्रण किया गया।मौक़े पर बाँकीपुर विधायक नितिन नवीन भी मौजूद रहें। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा की इस मुद्दे को सदन में मैं ज़ोरदार ढंग से उठाऊँगा। खासमहाल के निवासियों ने वर्तमान विधायक नितिन नवीन से खासमहाल पटना के जमीन को फ्री होल्ड करवाने की गुहार लगाई ।जिससे खासमहाल निवासियों को अपने जमीन पर स्वामित्व का हक मिलेगा और सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी और हमारा राज्य सामाजिक और आर्थिक तौर पर आगे बढ़ सकेगा। इस शहर को बसाने में हमारे पूर्वजों ने और आज के निवासियों ने एक अहम योगदान दिया है।हम उम्मीद करते हैं की आने वाली सरकार हमारी पीड़ा को समझेंगे और हमारे लिए उपयुक्त और सकारात्मक समाधान करेंगे। इस कार्यक्रम में खासमहाल मैनेजिंग कमेटी के सदस्यगण ने कार्यक्रम को सफल कराने में अहम भूमिका निभाई।

विदित हो कि खासमहाल के निवासियों पर लंबे समय से बेघर होने का संकट मंडरा रहा है। खासमहल की जमीन अंग्रेजी सरकार द्वारा वर्ष 1915-1920 (लगभग) में अधिग्रहित किया गया था। सुचारू शहरी व्यवस्था एवं सरकार चलाने हेतु इन जमीनों पर शहर के माननीय और पेशेवर लोगों को जमीन का पूरा मूल्य और कहीं-कहीं बाजार मूल्य से अधिक पैसे लेकर जमीन प्रदान किया गया। लेकिन सरकार अपने अंग्रेजी मानसिकता के तहत भारतीयों को गुलाम समझती थी। इसलिए जमीन का मालिकाना हक देने के बजाय लेसी ही बनाया ताकि लोग अपना पैसा लगाकर मकान बना सकें। आज सैकड़ों साल के बाद भी लीज थारी और वर्तमान जमीन के मालिक एक भय के माहौल में जीते हैं।

एक तरफ सरकार सबका साथ सबका विकास के नारे के साथ चलने की बात करती रही और दूसरी तरफ लीज धारियों की जमीन मकान सहित कब्जा करना चाहती है। ध्यान रहे कि “खासमहाल सिटीजंस वेलफेयर सोसाइटी “ने सरकार की नीतियों के खिलाफ एक लंबी कानूनी लड़ाई माननीय उच्च न्यायालय पटना एवं उच्चतम न्यायालय तक लड़कर जीत हासिल की है । माननीय उच्च न्यायालय एवं सुप्रीम कोर्ट ने खासमहाल 2011 की नीति 7/4/2011 के पहले के लीज होल्ड धारकों पर लागू नहीं करने का आदेश दिया है। फिर भी प्रशासन द्वारा मालगुजारी नहीं लेना म्यूटेशन नहीं करना पुराने लीज धारियों को गलत सर्वे रिपोर्ट बनाकर मकान खाली करवाने का नोटिस भेजना कोर्ट के आदेश का सीधा उल्लंघन और अवमानना है ।

खासमहाल के निवासी लंबे समय से सरकार से गुहार लगाते रहे हैं की नगर निगम के तर्ज पर अविलंब खासमहाल के निवासियों का मेडिटेशन एवं किराया लेना स्वीकार करें एवं पुराने सर्वे को निरस्त करें! सरकार हमारे जमीन को भी पीआरडीए हाउसिंग बोर्ड एवं भारत के अन्य राज्यों की तरह फ्री होल्ड करें ! खासमहाल सिटीजंस वेलफेयर सोसाइटी ने स्पष्ट किया है कि खासमहाल के निवासी जो पूरे बिहार में हैं, उसी पार्टी का समर्थन करेंगे जो उनके वाजिब हक की लड़ाई में उनका साथ देगा।

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