पटना। प्रमोद दत्त।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत के माध्यम से कांग्रेस नेतृत्व को ऐसा हड़काया कि पार्टी ने तुरंत तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा मुख्यमंत्री पद के लिए कर दी।
इसके साथ ही कांग्रेस ने बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु का कद छोटा कर दिया और उन्हें यूथ कांग्रेस से हटा दिया गया। उनके स्थान पर मनीष शर्मा की नियुक्ति की नई चिट्ठी तुरंत जारी कर दी गई।
कांग्रेस में अचानक बड़े बदलाव
कांग्रेस के स्तर पर यह दो बड़े परिवर्तन अचानक लिए गए।
राजद और कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान को सुलझाने के लिए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पटना पहुंचे और लालू प्रसाद से मिले।
सूत्रों के अनुसार, इस मुलाकात में लालू प्रसाद ने गहलोत के माध्यम से कांग्रेस नेतृत्व को जमकर लताड़ लगाई।
उन्होंने यहां तक धमकी दे दी कि राजद का कोई नेता कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार नहीं करेगा। लालू ने साफ कहा कि कांग्रेस अपने उम्मीदवारों की सीटें खुद संभाले।
राहुल गांधी की यात्रा से बढ़ी खटास
राजद–कांग्रेस के बीच खटास उस समय बढ़ी जब राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा में तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी को भावी प्रधानमंत्री घोषित कर दिया।
लेकिन जब प्रेस ने कांग्रेस से तेजस्वी की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर सवाल किया, तो कांग्रेस नेतृत्व ने गोलमोल जवाब दिए।
इससे नाराज होकर तेजस्वी यादव अकेले यात्रा पर निकल पड़े।
सीट बंटवारे पर बढ़ा विवाद
सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों की घोषणा के दौरान कांग्रेस ने तेजस्वी के नाम पर खुलकर समर्थन नहीं किया।
इस पर लालू प्रसाद ने दबाव बनाने की रणनीति अपनाई।
राजद ने कांग्रेस की छह सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए।
साथ ही, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की कुटुम्बा सीट पर भी पेंच फंसा दिया गया।
प्रदेश अध्यक्ष की सीट अटकने से कांग्रेस नेतृत्व की बेचैनी बढ़ गई।
इसी को सुलझाने के लिए अशोक गहलोत को भेजा गया।
लालू की दो सख्त शर्तें
गहलोत के सामने लालू ने दो शर्तें रखीं:
- तेजस्वी यादव को भावी मुख्यमंत्री के रूप में घोषणा की जाए।
- बिहार प्रभारी को बदला जाए।
साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि संयुक्त चुनाव प्रचार अभियान में कांग्रेस की सीटों की उपेक्षा की जाएगी।
अगले ही दिन हुए महागठबंधन के संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका असर दिखा।
बैनर पर केवल तेजस्वी यादव का फोटो लगाया गया और राहुल गांधी की तस्वीर जानबूझकर हटा दी गई।
कांग्रेस को सबक सिखाने की तैयारी
जानकारों के अनुसार, लालू प्रसाद ने कांग्रेस को सबक सिखाने का पूरा प्लान बना लिया था।
243 सीटों में से कांग्रेस की 61 सीटों को छोड़कर बाकी 182 सीटों पर फोकस करने की रणनीति बनाई गई थी।
राजद, वीआईपी और वामदलों वाली सीटों पर पूरी ताकत झोंकने की तैयारी थी ताकि बहुमत हासिल किया जा सके।
अगर यह योजना लागू होती, तो कांग्रेस के लिए दहाई अंक तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता।
कांग्रेस का बैकफुट पर आना
लालू प्रसाद के सख्त तेवर देखकर कांग्रेस तुरंत बैकफुट पर आ गई।
पार्टी ने आलाकमान तक “त्राहिमाम संदेश” पहुंचाया।
इसके बाद आनन-फानन में तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा की गई और बिहार प्रभारी का कद छोटा कर दिया गया ।
अंततः, लालू प्रसाद ने एक बार फिर कांग्रेस को उसकी औकात दिखा दी।
और कांग्रेस, पहले की तरह, फिर से राजद की गोद में जा बैठी।















