लालू प्रसाद राजनीतिक बंदी नहीं,जेल में दरबार पर कोर्ट संज्ञान ले-सुशील मोदी

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संवाददाता.पटना. लालू प्रसाद जेल में रहें या जमानत पर बाहर आयें, इसका फैसला न्यायालय को करना है, लेकिन कुछ लोग न्यायपालिका पर राजनीतिक दबाव बना रहे हैं।बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्विट कर कहा है कि लालू प्रसाद राजनीतिक बंदी नहीं,जेल में दरबार लगाने पर कोर्ट संज्ञान ले।

उन्होंने कहा कि राजद समर्थक एक दल ने  कोरोना के बहाने राजनीतिक और सामाजिक बंदियों को पेरोल या जमानत पर छोड़ने की अपील करते हुए लालू प्रसाद को भी यह रियायत देने की मांगी की है।  सजायाफ्ता से इतनी हमदर्दी दिखाने वाले यह तथ्य छिपा रहे हैं कि लालू प्रसाद चारा घोटाला के दोष सिद्ध अपराधी हैं, कोई राजनीतिक बंदी नहीं।  वे कोरोना काल में भी अगर जेल नियमों का उल्लंघन कर दरबार लगा रहे हैं, तो इस पर अदालत और सीबीआई को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।

उन्होंने यह भी बताया है कि कोरोना संक्रमण की जांच के लिए बिहार को 40 हजार रैपिड एंटीजन किट मिले, जिससे सभी जिलों में सैंपल की जांच 24 घंटे की बजाय अब मात्र 30 मिनट में होने लगेगी। दूसरी अच्छी खबर यह कि पिछले 20 दिनों में चमकी बुखार से एक भी मौत नहीं हुई।

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के इलाज के लिए 100 बिस्तर वाला विशेष अस्पताल एक साल के भीतर बना लेने से इस रोग पर काफी हद तक काबू पाया जा सका। पिछले साल राजद के राजकुमार चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों के परिवार से मिलने तक नहीं गए थे। अब उन्हें कम से कम विशेष अस्पताल तो देख ही लेना चाहिए। विपक्ष रोज बयान देकर पीड़ित परिवारों का मनोबल तोड़ रहा है और स्वास्थ्य सेवाओं के ICU में होने का अनर्गल आरोप लगा रहा है, लेकिन उन्हें कोरोना और चमकी बुखार से निपटने में सरकार की तत्परता दिखाई नहीं पड़ती।

 

 

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