जानिए…बिहार की नदियों के बढते जलस्तर की स्थिति

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संवाददाता.पटना. सचिव जल संसाधन संजीव हंस एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अद्यतन जानकारी दी।

सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने बताया कि गंडक नदी में आज 12 बजे दिन में 1,42,100 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृति बढ़ने की है। गंगा नदी का जलस्तर गांधी घाट में आज सुबह 6 बजे 48.11 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से नीचे है। विगत 24 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में बक्सर, हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर एवं कहलगाँव में वृद्धि हुई है, जबकि गाँधी घाट एवं दीघा में 02 सेंटीमीटर की कमी हुई है। कोशी नदी का आज 12 बजे दिन में 1,55,060 क्सूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृत्ति घटने की है। कोशी नदी का जलस्तर बलतारा अवस्थित गेज स्थल के पास 35.70 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 33.85 मीटर से 1.85 मीटर ऊपर है। सोन नदी का आज 12 बजे दिन में 19,798 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृत्ति बढ़ने की है। बागमती नदी का जलस्तर ढ़ेंग, सोनाखान, कटौंझा, बेनीबाद एवं हायाघाट गेज स्थलों पर खतरे के निशान से ऊपर है, जबकि डूब्बाधार तथा कनसार/चंदौली गेज स्थल पर जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। कमला बलान नदी का जलस्तर जयनगर वीयर एवं झंझारपुर रेल पुल के डाउनस्ट्रीम के पास खतरे के निशान से क्रमशः 0.35 मीटर एवं 0.65 मीटर ऊपर है। महानंदा नदी का जलस्तर तैयबपुर एवं ढ़ेंगराघाट गेज स्थल पर खतरे के निशान से नीचे है। अधवारा नदी का जलस्तर सोनवर्षा एवं पुपरी गेज स्थल पर खतरे के निशान से नीचे है तथा सुन्दरपुर गेज स्थल पर खतरे के निशान से 0.30 मीटर ऊपर है। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर सिकंदरपुर, समस्तीपुर रेल पुल, रोसरा रेल पुल एवं खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर है। बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने के कारण तटबंधों पर अत्यधिक दवाब बना हुआ है। तटबंध के कई बिन्दुओं पर सीपेज/पाईपिंग की समस्या परिलक्षित हुई है, जिसे क्षेत्रीय अभियंताओं द्वारा युद्धस्तर पर दिवा-रात्रि बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराकर सुरक्षित रखा गया है। घाघरा नदी का जलस्तर दरौली एवं गंगपुर सिसवन में खतरे के निशान से 0.58 मीटर एवं 0.71 मीटर उपर है।

मुख्य अभियंता गोपालगंज परिक्षेत्राधीन सारण तटबंध सारण, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बांध एवं बैकुंठपुर रिटायर्ड लाईन तथा मुख्य अभियंता, मुजफ्फरपुर परिक्षेत्राधीन चंपारण तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर शेष राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है। जल संसाधन विभाग द्वारा सतत निगरानी एवं चैकसी बरती जा रही है।

अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 16 जिले के कुल 125 प्रखंडों की 1,223 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। दरभंगा में 01, खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 07 राहत शिविरों में कुल 11,849 लोग आवासित हैं। 1,342 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 09,86,900 लोग भोजन कर रहे हैं। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और बोट्स के माध्यम से करीब 5,08,061 लोगों को निष्क्रमित किया गया है। विज्ञप्ति के अनुसार बाढ़ प्रभावित 5,55,084 परिवारों के बैंक खाते में कुल 333.05 करोड़ रूपये जी0आर0 की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एस0एम0एस0 के माध्यम से सूचित भी किया गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।

 

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