मंथन

बहती हुई नदी मां होती है

 डॉ नीतू नवगीत. उच्च पर्वत श्रृंगों से निकल कर मैदानी इलाकों से गुजरते हुए सागर की अतल गहराइयों में विलीन होने वाली नदियों ने विश्व...

तेजस्वी कर रहे हैं जनादेश का अपमान

प्रमोद दत्त. पटना.महागठबंधन से रिश्ता तोड़कर भाजपा के साथ सरकार बनाने पर नीतीश कुमार पर जनादेश का आरोप लगाने वाले प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव...

निशाने पर पत्रकार,खतरे में पत्रकारिता

प्रमोद दत्त. पहले झारखंड में फिर बिहार में पत्रकार की हुई हत्या पर पत्रकारिता जगत आक्रोश में है.विपक्ष भी राजनीतिक रोटी सेंकने में लगा है.यही...

जातीय जनगणना:राजद के घोषित आंदोलन पर कई सवाल

प्रमोद दत्त. पटना.बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग से संबंधित सर्वदलीय फैसला जिस प्रकार आगे चलकर जदयू का एजेंडा बनकर रह गया...

भारत में प्रजातंत्र का भविष्य

वैशाली सिन्हा. अधिकारों की असमानता तथा अवसरों की विषमता आन्दोलनों को जन्म देती है । इस प्रकार राजतंत्र तथा कुलीनतंत्र के ध्वंसावशेषों पर प्रजातंत्र राजनैतिक...

चुनाव में प्रलोभन ही क्यों-प्लान क्यों नहीं ?

प्रमोद दत्त. पटना. बिहार विभाजन (झारखंड गठन) के बाद बिहार को नए सिरे से सवांरने की जिस प्लानिंग की जरूरत थी वह प्लान किसी राजनीतिक...

जहर पीने वाले कभी मरते नहीं

धनंजय कुमार. 30 जनवरी- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि.महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर सबसे पहले सुभाष चन्द्र बोस ने संबोधित किया था. जबकि ‘महात्मा’ का...

बिहार चुनाव में राष्ट्रवाद

प्रमोद दत्त. पटना.क्या बिहार विधान सभा के चुनाव में “ राष्ट्रवाद “ चुनावी मुद्दा बन सकता है? यह सवाल इसलिए उठाए जा रहे हैं क्योंकि...

किसानों के आंसुओं की कीमत

डॉ नीतू नवगीत. चंपारण के किसानों के आंसू पोछने के लिए सौ साल पहले मोहनदास करमचंद गांधी चंपारण आए थे । किसान तब बेहाल थे...

कांग्रेस के दिग्गजों ने कतर दिए प्रशांत किशोर के पर

प्रमोद दत्त. चुनाव प्रबंधन के ब्रांड बन चुके प्रशांत किशोर के बढते कद को कांग्रेस ने औकात में ला दिया है.जदयू जैसी क्षेत्रीय पार्टी में...