मंथन

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर मंडराते खतरे

डॉ नीतू नवगीत. गजानंद माधव मुक्तिबोध का जन्म 1917 इसवी में हुआ था, इस तरह वर्ष 2017 मुक्तिबोध का जन्म शताब्दी वर्ष है । स्वतंत्रता...

खामोश रहे भाजपा के बिंदास शत्रु

 (-मुकेश महान).....   भाजपा के ‘शत्रु’ मतलब शत्रुघ्न सिन्हा कहां रहे पूरे चुनाव भर. नेताओं का राजनीतिक उत्सव चुनाव वो भी  गृह प्रदेश में और ऊपर...

एक बार फिर बिहार में लालू बनाम नीतीश

प्रमोद दत्त. समाजवादियों के टूटने-जुड़ने की एक और पटकथा बिहार में लिखी गई.17 वर्षों तक एनडीए में रहनेवाले नीतीश कुमार,लालू प्रसाद के साथ तीन वर्षों...

टूलकिट का टुच्चापन व पेंडेमिक में ‘गिद्ध-राजनीति’

राकेश प्रवीर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि धूमिल करने के लिए ' मोदी वैरिएंट' जैसे शब्दों के उपयोग के साथ देश के इमेज को ध्वस्त...

नीतीश के लिए महाविजय के मायने

 (-मुकेश महान).....    एक बार, फिर से नीतीशे कुमार. बिहार में बहार, एक बार फिर नीतीश कुमार जैसे नारे जबर्दस्त सफल रहे इस विधान सभा चुनाव...

क्या धुल गया 84 दंगे का कलंक ?

प्रमोद दत्त. पटना में गुरूगोविंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव के भव्य आयोजन ने देश-विदेश के सिखों का दिल जीत लिया.आम हो या खास- सबने एक...

भारत में प्रजातंत्र का भविष्य

वैशाली सिन्हा. अधिकारों की असमानता तथा अवसरों की विषमता आन्दोलनों को जन्म देती है । इस प्रकार राजतंत्र तथा कुलीनतंत्र के ध्वंसावशेषों पर प्रजातंत्र राजनैतिक...

आसान नहीं लालू के वोट का सफाया

प्रमोद दत्त. राजद सुप्रीमो की सातवीं जेल-यात्रा से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार की राजनीति से उनकी जड़ें उखड़ जाएगी.एनडीए नेता व...

खतरनाक है सेना पर पत्थरबाजी

डॉ नीतू नवगीत. जब सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ चल रही हो तो सेना के खिलाफ प्रदर्शन के लिए सड़कों पर आने वाले लोग...

फिर सामने आई नीतीश कुमार की चाणक्य नीति

प्रमोद दत्त. पटना.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति में चाणक्य कहा जाता है.चुनाव के ठीक पहले दल-बदल के खेल में दूसरों पर भारी पड़ते...