सामाजिक कुरीति निवारण बाल विवाह मुक्त झारखण्ड पर कार्यशाला

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संवाददाता।हजारीबाग। सामाजिक कुरीति निवारण योजना, राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, बाल विवाह मुक्त झारखण्ड एवं मिशन शक्ति योजना से संबंधित अनुमंडल स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन नगर भवन, हजारीबाग में किया गया।

कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष उमेश प्रसाद मेहता एवं उपाध्यक्ष किशुन यादव द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

इस अवसर पर विशेष अतिथियों के रूप में झारखण्ड महिला विकास समिति की राज्य नोडल पदाधिकारी सुजाता कुमारी, सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार, जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी माँ देव प्रिया, जिला योजना पदाधिकारी पंकज कुमार तिवारी, कार्यपालक दण्डाधिकारी-सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा कोषांग) सुनीता कुमारी, जेएसएलपीएस के जिला परियोजना प्रबंधक कुमार दिव्य दीप सिंह सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

अतिथियों का स्वागत महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा पौधा भेंट कर किया गया।कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि बाल विवाह उन्मूलन हेतु केंद्र सरकार द्वारा 100 दिवसीय जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विवाह के लिए बालिकाओं की न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं बालकों की 21 वर्ष निर्धारित है, इससे कम उम्र में विवाह कराना कानूनन अपराध है। बाल विवाह की सूचना टोल फ्री नंबर 1098 पर देने की अपील की गई।
उन्होंने डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम, 2001 के प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि किसी महिला को डायन बताकर प्रताड़ित करने पर तीन माह तक का कारावास, एक हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है।

साथ ही मिशन शक्ति के अंतर्गत संचालित वन स्टॉप सेंटर की सेवाओं—चिकित्सीय सुविधा, मनोवैज्ञानिक परामर्श, पुलिस सहायता, विधिक परामर्श एवं अल्पावधि आश्रय—की जानकारी दी।

इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, सावित्रीबाई किशोरी समृद्धि योजना, राज्य विधवा पुनर्विवाह प्रोत्साहन योजना, सामूहिक विवाह कार्यक्रम, सामूहिक अंतिम संस्कार योजना एवं दिव्यांग कल्याणार्थ योजनाओं पर भी प्रकाश डाला गया।
मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष उमेश प्रसाद मेहता ने कहा कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक बुराई एवं कानूनन अपराध है। इसके लिए दोषियों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना एवं दो वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है।

उन्होंने महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा एवं अमानवीय कृत्यों को समाज के लिए घातक बताया। उपाध्यक्ष किशुन यादव ने पंचायत से राज्य स्तर तक सामूहिक जागरूकता के माध्यम से बाल विवाह मुक्त झारखण्ड बनाने का आह्वान किया।

राज्य नोडल पदाधिकारी सुजाता कुमारी एवं रिसोर्स पर्सन विक्रम कुमार द्वारा विभिन्न योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला के अंत में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को बाल विवाह मुक्त झारखण्ड की शपथ दिलाई गई।

धन्यवाद ज्ञापन जिला समाज कल्याण पदाधिकारी द्वारा किया गया। मंच संचालन महिला पर्यवेक्षिकाएं माधवी कुमारी एवं अनविता सिन्हा ने किया।
इस अवसर पर सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, मुखियागण, जिला परियोजना सहयोगी आदित्य कुमार, यूनिसेफ के जिला समन्वयक अश्लेश श्रीवास्तव, समर के क्षेत्रीय प्रबंधक रंजीत कुमार, सभी महिला पर्यवेक्षिकाएं, पंचायत सचिव, जेएसएलपीएस सदस्य, जिला समाज कल्याण कार्यालय के कर्मी, आंगनबाड़ी सेविकाएं एवं अन्य संबंधित कर्मी उपस्थित थे।

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