16 जिले,121 प्रखंड,1,165 पंचायतें बाढ प्रभावित,आपदा प्रबंधन विभाग सतर्क

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संवाददाता.पटना. वीडियो कॉंन्फ्रेसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद में अपर सचिव आपदा प्रबंधन  रामचंद्र डू एवं जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने विभिन्न नदियों के जलस्तर को लेकर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 16 जिले के कुल 121 प्रखंडों की 1,165 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। गोपालगंज में 02, खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 08 राहत शिविरों में कुल 12,202 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि 1,379 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 9,97,779 लोग भोजन कर रहे हैं। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 और बोट्स के माध्यम से करीब 4,80,884 लोगों को निष्क्रमित किया गया गया। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेच्युट्स रिलीफ के अंतर्गत 6,000 रूपये की राशि दी जाती है और अभी तक 03 लाख 75 हजार 547 परिवारों के बैंक खाते में कुल 225 करोड़ रूपये जी0आर0 की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एस0एम0एस0 के माध्यम से सूचित भी किया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।

जल संसाधन विभाग के प्रभारी पदाधिकारी, बाढ़ अनुश्रवण सेल ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोशी नदी में अभी डिस्चार्ज 1,64,335 क्यूसेक है और जलश्राव की स्थिति स्थिर हैद्य गंडक नदी का डिस्चार्ज 1,44,800 क्यूसेक है, किन्तु इसकी प्रवृति बढ़ने की है। सोन नदी में डिस्चार्ज मात्र 11,304 क्यूसेक है। बागमती नदी का जलस्तर ढेंग और सोनाखान में फॉलिंग टेंडेंसी है लेकिन डूब्बाधार, कनसार और कटौंझा में इसकी बढ़ने की प्रवृति है। बेनीबाद और हायाघाट में जलस्तर स्टैटिक या फॉलिंग ट्रेंड में है, जबकि अन्य जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर प्रवाहित हो रही है। बूढ़ी गंडक के जलस्तर में सभी जगहों पर कमी हो रही है। गंगा नदी में गाँधी घाट और हाथीदह में जलस्तर बढ़ने की प्रवृत्ति है और अन्य स्थलों पर जलस्तर स्थिर है। गंगा का जलस्तर कहलगाँव में खतरे के निशान से 03 सेंटीमीटर ऊपर है। महानंदा में जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है और इसमें फॉलिंग टेंडेंसी है। पूर्वानुमान के मुताबिक कल नेपाल में और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में लाइट टू मोडरेट बर्षापात होने की संभावना है। नेपाल में महानंदा के जलग्रहण क्षेत्र में हेवी रेनफॉल की संभावना व्यक्त की गयी है। 7 और 8 तारीख को भी लाइट टू मोडरेट वर्षापात होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि बिहार राज्य में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है। सतत निगरानी एवं चैकसी बरती जा रही है।

 

 

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