संवाददाता, पटना. सुखे की मार से त्रस्त किसानों की मांग को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि बोनस नहीं मिलेगा. बिहार विधानसभा में औऱ फिर विधान परिषद में राज्यपाल के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सात एजेंडा बनायी है उसी पर काम करेगी. विपक्ष द्वारा बार बार टोके जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि किसी भी राज्य की भाजपा सरकार द्वारा धान की खरीद पर बोनस नहीं दी गई है. अगर किसी राज्य की सरकार ने घोषणा की है तो माननीय सदस्य बताये.
नीतीश कुमार ने नेता प्रतिपक्ष डा. प्रेम कुमार द्वारा बार बार टोकने पर कहा कि पिछले वर्ष इनके नेता नरेंद्र मोदी जी कहते फिरते थे कि किसानों को समर्थन मूल्य से 50 प्रतिशत अधिक की राशि मिलनी चाहिए. लेकिन जब वो सत्ता में आये तो इनके मंत्री कहते थे कि बोनस देने के लिए किसने कहा है.
विधानपरिषद में नीतीश कुमार ने सुशील मोदी को कहा कि आप चाहेगे तो हो सकता है. आप अपने नेता से समर्थन मूल्य जो चुनाव पूर्व देने की घोषणा करते थे वो दिलवा दिजिए. उससे किसानो को प्रोत्साहन होगा. वो जमकर खेती करेंगे.
भाजपा ने विधानसभा में मुख्यमंत्री के भाषण का वाकआउट किया. इससे पूर्व विधानसभा और विधानपरिषद में भाजपा के सदस्यों ने किसानों के बोनस पर जमकर हंगामा किया. विधानपरिषद में तो पार्टी के नेताओं ने बेल में नारेबाजी करते हुए आ गये थे. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाई दिन के ढाई बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी थी.