संवाददाता.पटना.केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (पूर्व की इंदिरा आवास योजना) के तहत गरीबों के मकान बनाने के लिए पांच महीना पहले 1784 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने और आवास का कोटा ढाई लाख से बढ़ा कर 6.36 लाख इकाई किए जाने के बावजूद इस साल बिहार में एक भी गरीब का मकान नहीं बन पायेगा। राज्य सरकार अब तक किसी लाभार्थी के खाते में एक पैसा भी नहीं दे पाई है जबकि वित्तीय वर्ष में महज 15 दिन बचा है।
यह आरोप लगाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजन के तहत गरीबों के मकान बनाने के लिए पहली किस्त के तौर पर 27 सितम्बर, 2016 को 1784.81 करोड़ रुपये बिहार सरकार को उपलब्ध करा दिया। मगर राज्य सरकार अब तक मात्र 300 लाभार्थियों का ही चयन कर पाई है परंतु उनमें से किसी को भी एक पैसा नहीं दिया गया है जिसके कारण एक भी गरीब का मकान इस साल नहीं बन पायेगा। नतीजतन बिहार दूसरी किस्त से भी वंचित हो जायेगा। राज्य सरकार की विफलता का ही नतीजा है कि पूर्व की इंदिरा आवास योजना के अन्तर्गत 5 लाख से ज्यादा आवास अभी भी अधूरे पड़े हैं।
पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने 2014-15 में बिहार में आवास निर्माण का कोटा घटा कर मात्र 2.14 लाख कर दिया था जिसे केन्द्र की वर्तमान सरकार ने बढ़ा कर इस साल 6.36 लाख कर दिया है। राज्य सरकार के लिए उपलब्ध राशि खर्च करना तो दूर की बात अभी तक वह लाभार्थियों का चयन भी नहीं कर पाई है।
मार्च, 2019 तक पूरे देश में एक करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री का सपना है कि 2022 तक देश के प्रत्येक गरीब के पास पक्का मकान हो। मगर राज्य सरकार किसी भी वर्ष एक-डेढ़ लाख से ज्यादा आवास नहीं बना पाई है जबकि इस साल तो एक भी मकान नहीं बन पायेगा।
















