पड़ताल
दुहरी त्रासदी थी इंदिरा गांधी की
                के. विक्रम राव.
दो राजनीतिक भूचाल साढ़े चार दशक पूर्व आज ही के दिन (बृहस्पतिवार, 12 जून 1975) उत्तर तथा पश्चिम भारत में आये थे।...            
            
        मालेरकोटला विवाद का क्या है कारण ?
                के. विक्रम राव.
दो राज्यों (पंजाब और उत्तर प्रदेश) के मुख्यमंत्रियों में विवादग्रस्त बयानबाजी (15 मई 2021) हुयी। नतीजन पंजाब की एक शांत, सशुप्त नगरी...            
            
        शोध भी जरुरी है मोदी विरोध के साथ-साथ
                डॉ. सत्यवान सौरभ.
विपक्षी दलों को भी एक महागठबंधन बनाकर कोरोना के विरुद्ध युद्ध का बिगुल फूंकना चाहिए ताकि उनकी देश भक्ति रंग लाये.राज्य सरकारों...            
            
        सोनिया… और कितने दिन ?
                के. विक्रम राव.
वामपंथी, सोनिया—प्रशंसक अंग्रेजी दैनिक ''दि हिन्दू'' में आज (12 मई 2021) कार्टूनिस्ट सुरेन्द्र ने एक चित्र रेखांकित किया है। कांग्रेस कार्य समिति...            
            
        विश्लेषण: ममता ने मारा गोल,फाउल करके
                के.विक्रम राव.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में कल रात्रि (2 मई 2021) संपन्न हुये मतदान के सिलसिले में कई पहलू उभरते है, कई वाजिब प्रश्न उठते...            
            
        नगर विकास व आवास विभाग को बर्बाद करने की गहरी साजिश
                योगेंद्र त्रिपाठी.
पटना.यद्यपि विगत 150 वर्षो से कुछेक नगरों में नगर विकास विभाग कार्यरत है। भले ही ग्रामीण क्षेत्रों को उन्होंने जिला प्रशासन के नियंत्रण...            
            
        शेरशाह का मकबरा,गौरवशाली धरोहर की उपेक्षा
                के. विक्रम राव.
भारत का दूसरा ताजमहल कहलानेवाला बादशाह शेरशाह सूरी का मकबरा देश का बड़ा कतवारघर बन रहा है। यदि शीघ्र सासाराम नगर पालिका...            
            
        क्यों नहीं की जाती एक ही गोत्र में शादी ?
                इशान दत्त.
पटना.हिन्दूओं (सनातन) में एक गोत्र में शादी का प्रचलन नहीं है।शादी की बातचीत की शुरूआत ही गोत्र पूछकर की जाती है।वर्षों से चली...            
            
        भूख से मर रहे दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए जिम्मेवार कौन ?
                डॉo सत्यवान सौरभ.
कोरोना आपदा के कारण सबसे बड़ा संकट दिहाड़ीदार मजदूरों के लिए हुआ है। जिनके बारे देश के अंदर बहुत ही कम चर्चा...            
            
        बिहार सरकार में जब नहीं गली दाल,तो आ गए बीसीए को...
                मोहन कुमार.
 किसी भी व्यक्ति के द्वारा पूर्व में किए गये कार्य उसके व्यक्तित्व और कृतित्व का आधार माना जाता है, बीसीए के अध्यक्ष राकेश...            
            
         
	






















