संवाददाता.पटना. विधान मंडल का यह सबसे छोटा सत्र है. आमतौर पर परिपाटी रही है कि शुक्रवार से सदन की बैठक शुरू होकर अगले शुक्रवार तक होती थी, मगर सरकार ने एक दिन की कटौती कर दी है. शुक्रवार को बैठक नहीं होने से शिक्षा विभाग से जुड़े सवाल इस सत्र में नहीं आ पाएंगे. दरअसल सरकार टॉपर घोटाला, शिक्षकों के बकाए वेतन और शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त अराजकता से संबंधित सवालों से बचना चाहती थी, इसलिए अगले सप्ताह में एक दिन पहले गुरुवार तक ही दोनों सदनों की बैठक चलाने का निर्णय लिया गया है.
यह आरोप भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने सरकार पर लगाया है.वे संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सेकेंडरी और हायर सेकेंडरी के 50 हजार शिक्षकों को पांच महीने से वेतन नहीं मिला है. करीब दो लाख प्राथमिक और माध्यमिक नियोजित शिक्षकों को भी तीन-चार महीने से वेतन नहीं मिला है. सरकार उपयोगिता प्रमाण पत्र का बहाना बना कर वेतन नहीं दे रही है, दरअसल सरकार वित्तीय संकट में घिर गई है.
उन्होंने कहा कि राज्य के कई जिले बाढ़ की चपेट में है. बहुत दिनों के बाद महानन्दा बेसिन में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है. बचाव और राहत कार्य चलाने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है. फसल बीमा योजना बिहार में फेल हो गई है. मात्र पन्द्रह दिन का समय बचा है, मगर अभी तक बीमा योजना के लिए सरकार एजेंसी तक का चयन नहीं कर पाई है. मद्य निषेध का महत्वपूर्ण बिल सदस्यों को 10 बजे पूर्वाह्न में दिया गया है और आज ही 03 बजे तक उनसे संशोधन की मांग की गई है. यह बिल करीब 44-45 पेज का है और इसमें सौ धाराएं है. संशोधन देने के लिए सरकार को कम से कम दो दिन का समय देना चाहिए था, मगर उसकी मंशा है कि विपक्ष अच्छी तरह से पढ़ कर संशोधन नहीं दे, इसलिए इतन कम समय दिया गया है. मद्य निषेध से संबंधित बिल में कई विवादास्पद धाराएं हैं, जिस पर भाजपा विपक्षी दल होने के नाते कम समय होने के बावजूद जरूर संशोधन देगा और सरकार पर दबाव बनायेगा कि विवादास्पद अंशों को संशोधित किया जाए.
मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के अलग-अलग स्टैंड लेने का असर महागठबंधन पर पड़ना शुरू हो गया है. लालू प्रसाद और नीतीश कुमार में काम का श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गई है. भाजपा के साथ भी गठबंधन की सरकार चली थी, मगर उस समय ऐसा नहीं था.















