लोकतंत्र की भूमि ने बनाया कीर्तिमान

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प्रमोद दत्त.

पटना। लोकतंत्र की जननी बिहार ने लोकतंत्र की ताकत दिखाया और विधानसभा के चुनाव में मतदान का कीर्तिमान बना दिया। अब तक के चुनावों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 67 प्रतिशत मतदान किया और नया कीर्तिमान बना दिया।

मंगलवार को हुए दूसरे फेज के मतदान में पहले फेज से अधिक मतदान हुआ और दोनों फेज को मिला कर 67.10 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले।यह 2020 के मुकाबले 9.81 प्रतिशत अधिक है। यही नहीं बल्कि यह बिहार में अबतक हुए सभी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तुलना में यह प्रतिशत अधिक है।

पहले फेज में भी रिकॉर्ड 65.08% मतदान हुआ था जो नया रिकॉर्ड बनाया। लेकिन दूसरे फेज में 69 % वोट डालकर मतदाताओं ने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। इस बार दोनों फेज मिलाकर 71.6% महिलाओं ने और 62.8% पुरुषों ने मतदान किया।

पहले चुनाव 1951-52 में बिहार में 46.6 प्रतिशत,1957 के दूसरे चुनाव में 43.24 प्रतिशत,1962 में 44.47 प्रतिशत,1967 में 51.51 प्रतिशत,1969 में 52.79 प्रतिशत,1972 में 52.79 प्रतिशत,1977 में 50.51 प्रतिशत,1980 में 57.28 प्रतिशत,1985 में 56.27 प्रतिशत,1990 में 62.04 प्रतिशत,1995 में 61.79 प्रतिशत,2000 में 62.57 प्रतिशत,2005(फरवरी) में 46.5 प्रतिशत,2005(नवंबर) में 45.85 प्रतिशत,2010 में 52.73 प्रतिशत,2015 में 56.91 प्रतिशत और 2020 में 57.29 प्रतिशत मतदान हुए थे।

भारी मतदान से चुनाव आयोग भी उत्साहित है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस मौके पर कहा कि बिहार चुनाव भारत की लोकतांत्रिक यात्रा में एक मील का पत्थर है। मतदाताओं ने 1951 के बाद से अबतक का सबसे अधिक मतदान किया है।इतनी बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी चुनाव कर्मियों और राजनीतिक दलों के एजेंटों की मदद से संभव हो पाई।

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