संवाददाता, पटना, बिहार। मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने शनिवार को पटना जिले के बख्तियारपुर के सीढ़ी घाट पर निर्मित गंगा रिवरफ्रंट का उद्घाटन किया। यह भव्य परियोजना लगभग ₹63 करोड़ की लागत से पूरी हुई है। इसका कुल विस्तार 2.1 किलोमीटर तक फैला है।
उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ने भावनात्मक रूप से कहा, “अब गंगा अपनी पुरानी धारा में लौट आई है। यह हम सबके लिए बहुत बड़ी बात है।”
धरोहर से विकास की ओर: घाट का नया स्वरूप
सबसे पहले, यह जानना जरूरी है कि सीढ़ी घाट अब केवल एक पारंपरिक गंगा तट नहीं रहा। अब यहां आकर्षक जॉगिंग ट्रैक, बैठने के लिए पत्थर की बेंचें, हरियाली और सुंदर प्रकाश-व्यवस्था जैसी सुविधाएं हैं।
रिवरफ्रंट की सजावट में लाल डोलपुर पत्थर का प्रयोग हुआ है। इससे इसकी भव्यता और बढ़ गई है।
इसके अलावा, साफ-सफाई और जलप्रवाह को बनाए रखने के लिए उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से स्थानीय नागरिकों को लाभ होगा। साथ ही, यह बख्तियारपुर को पर्यटन मानचित्र पर भी स्थापित करेगा।
गंगा की वापसी: नदी फिर पुराने मार्ग पर
घाट को सुंदर रूप देने के साथ गंगा की पुरानी धारा भी वापस लाई गई है।
करीब 5 किलोमीटर तक नदी को पुराने मार्ग पर लाया गया।
यह आसान नहीं था।लेकिन सरकार की योजनाबद्ध कोशिशों से यह संभव हो सका।
मुख्यमंत्री ने कहा, “बचपन में मैं यहां नहाने आता था। अब की तस्वीर देखकर भावुक होना स्वाभाविक है।”
सांस्कृतिक और धार्मिक रंगत: गंगा आरती बनी आकर्षण का केंद्र
उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने गंगा आरती में भाग लिया।
घाट पर दीप प्रज्वलन और मंत्रोच्चार के साथ आरती हुई, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए।इस आयोजन ने पूरे कार्यक्रम को एक आध्यात्मिक ऊंचाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक आत्मा है। इसका संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है।”
बख्तियारपुर का नया चेहरा
इस तरह, अब सीढ़ी घाट एक विकसित और आकर्षक गंगा रिवरफ्रंट बन गया है।
यह परियोजना क्षेत्र की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ पर्यटन, अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी नई दिशा देगी।
मुख्यमंत्री नितीश कुमार की यह पहल आने वाले वर्षों में बिहार के लिए एक प्रेरणादायक मॉडल बन सकती है।