मंथन

कहां हैं वे लोग?

भगवती प्रसाद द्विवेदी. बहुत तेजी से महानगरीय शक्ल अख्तियार करने को बेताब अपने शहर पटना के अंधाधुंध विकास से खुशी भी होती है औऱ कोफ्त...

नीतीश के लिए महाविजय के मायने

 (-मुकेश महान).....    एक बार, फिर से नीतीशे कुमार. बिहार में बहार, एक बार फिर नीतीश कुमार जैसे नारे जबर्दस्त सफल रहे इस विधान सभा चुनाव...

खामोश रहे भाजपा के बिंदास शत्रु

 (-मुकेश महान).....   भाजपा के ‘शत्रु’ मतलब शत्रुघ्न सिन्हा कहां रहे पूरे चुनाव भर. नेताओं का राजनीतिक उत्सव चुनाव वो भी  गृह प्रदेश में और ऊपर...

बनेंगे तो मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष नामंजूर

(प्रमोद दत्त) ............... लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था में जितना महत्व सदन नेता (मुख्यमंत्री)  का है , उससे कम महत्व नेता प्रतिपक्ष का भी नहीं है. सरकार...

दब गया विकास का एजेंडा

(प्रमोद दत्त) ............... बिहार चुनाव की घोषणा से ठीक पहले नीतीश कुमार ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल की उपलब्धियों से संबंधित सात सूत्री एजोंडा बताया. उधर, प्रधानमंत्री...

सपनों के सौदागर

(प्रमोद दत्त) ............... बिहार में इनदिनों एक से एक सपने दिखाए जा रहे हैं.सपने दिखाकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की जा रही है.कोई 1.25...

सोशल मीडिया की ताकत

(प्रमोद दत्त )............... पटना वीमेंस कॉलेज की छात्राएं पहली बार कॉलेज प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतर आईं. अनुशासन के लिए प्रसिद्ध इस  प्रतिष्ठित कॉलेज...

सरल हिंदी,लोकप्रिय हिंदी

(प्रमोद दत्त) ............... “अगर मुझे हिंदी नहीं आती  तो मेरा क्या होता.मैं लोगों तक कैसे पहुंचता.किसी भाषा की ताकत क्या होती है, इसका मुझे अंदाजा...