कानून-व्यवस्था पर समीक्षा बैठक,मुख्यमंत्री ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

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मुख्यमंत्री के निर्देश- विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न हो। गंभीर आपराधिक घटनाओं पर की गई कार्रवाई के संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय प्रेस को प्रतिदिन अवगत कराएं। सोशल मीडिया पर भी इसके संबंध में जानकारी दें। राष्ट्रीय मानक के अनुरूप प्रति एक लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की स्वीकृत पदों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए तेजी से काम करें। सभी थानों में लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहे, इसके लिए मुख्यालय स्तर से निरंतर अनुश्रवण करते रहें। अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके। गश्ती व्यवस्था को और सुदृढ़ करें, इसकी निरंतर निगरानी करते रहें। जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करने के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, 15 दिनों में एक बार एस०डी०ओ० और एस०डी०पी०ओ० तथा सप्ताह में एक दिन अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष की नियमित रूप से होनेवाली बैठकों में समस्याओं का त्वरित निष्पादन करें। लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाले अपराध में कमी आये। स्पीडी ट्रायल में तेजी लाएं। अपराध अनुसंधान कार्य को ससमय पूर्ण करें।
संवाददाता.पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में विधि व्यवस्था की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए । बैठक में पुलिस महानिदेशक एस०के०सिंघल ने मुख्यमंत्री को अपराध नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ लगातार काम कर रही है। अपराध अनुसंधान के कार्य भी तेजी से किए जा रहे हैं ताकि दोषियों को शीघ्र सजा मिल सके। बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जे०एस० गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक सी०आई०डी० जितेन्द्र कुमार एवं अपर पुलिस महानिदेशक विधि व्यवस्था संजय सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से गश्ती वाहन, पैदल गश्ती, स्पीडी ट्रायल में तेजी, भूमि विवाद निपटारा, कब्रिस्तान की घेराबंदी और सभी थानों में लैंडलाइन फोन का फंक्शनल होने और साइबर अपराध की रोकथाम हेतु की जा रही कार्रवाई आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जे०एस० गंगवार ने बताया कि पुलिस बल में महिलाओं को आरक्षण दिए जाने के बाद राज्य में महिला पुलिस और महिला दारोगा की संख्या लगातार बढ़ रही है और उनकी पदस्थापना पुलिस थानों में की जा रही है। इसकी सराहना राज्य के बाहर भी हो रही है। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों की स्वीकृत पदों की संख्या में बढ़ोतरी के बाद प्रति लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की संख्या 192 के की हो जाएगी जबकि राष्ट्रीय मानक 193.95 है।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि विधि व्यवस्था सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही न बरतें। गंभीर आपराधिक घटनाओं पर की गई कार्रवाई के संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय प्रेस को प्रतिदिन अवगत कराएं। सोशल मीडिया पर भी इसके संबंध में जानकारी दें। घटना की पूरी जानकारी, उस पर की जा रही कार्रवाई, घटना के विभिन्न पहलुओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दें ताकि लोगों को सही जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी थानों में लैंडलाइन फोन फंक्शनल रहे, इसके लिए मुख्यालय स्तर से निरंतर अनुश्रवण करते रहें। अपराध अनुसंधान कार्य में तेजी लाएं और इसे ससमय पूर्ण करें ताकि दोषियों पर जल्द कार्रवाई हो सके। गश्ती व्यवस्था को और सुदृढ़ करें। इसकी निरंतर निगरानी भी करते रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन से संबंधित आपसी विवाद को खत्म करने के लिए महीने में एक बार जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, 15 दिनों में एक बार एस०डी०ओ० और एस०डी०पी०ओ० तथा सप्ताह में एक दिन अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष की नियमित रूप से होनेवाली बैठकों में समस्याओं का त्वरित निष्पादन करें। उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक हत्याएं भूमि विवाद के कारण होती हैं। लैंड सर्वे एंड सेटलमेंट का काम तेजी से हो ताकि भूमि विवाद को लेकर होनेवाले अपराध में कमी आए । मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय मानक के अनुरूप प्रति एक लाख की आबादी पर पुलिसकर्मियों की स्वीकृत पदों की संख्या में बढ़ोतरी करने के लिए तेजी से काम करें। उन्होंने कहा कि स्पीडी ट्रायल में तेजी लाएं। अपराध अनुसंधान कार्य को ससमय पूर्ण करें।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एस0के0 सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह अपर मुख्य सचिव वित्त डॉ० एस० सिद्धार्थ, सचिव गृह जितेंद्र श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय जे०एस० गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक विशेष शाखा सुनील कुमार अपर पुलिस महानिदेशक सी०आई०डी० जितेंद्र कुमार और अपर पुलिस महानिदेशक विधि व्यवस्था संजय सिंह उपस्थित थे।

 

 

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