नीतीश को लेकर अटकलबाजी के बीच लालू की इन्ट्री

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प्रमोद दत्त.
              पटना.चारा घोटाला में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को रांची में मिली जमानत और इधर पटना में राजद की इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल होने के बाद बिहार में राजनीतिक अटकलें तेज हो गई है.लालू पुत्र तेज प्रताप के उस बयान ने इस अटकलबाजी को बढा दिया जिसमें उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से गुप्त वार्ता हुई है,बिहार में राजनीतिक खेला होगा।लेकिन इस खेला में लालू की इन्ट्री अभी बाकी है।
हालांकि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगतानन्द सिंह ने इस तरह की किसी संभावना को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि नीतीश कुमार के लिए यहां (महागठबंधन) में कोई जगह नहीं है।वे दंगाईयों के साथी हैं।नीतीश कुमार किस डाल पर उछलकर बैठेंगे वो ही जानते हैं।उनके उछल-कूद का क्या नतीजा होगा कोई नहीं जानता है।
लेकिन इस बयानबाजी के बावजूद राजद की इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार और स्वागत में जुटे राबड़ी देवी,तेजस्वी यादव,तेज प्रताप व मीसा भारती के बॉडी लैंग्वेज बता रहे थे कि राजनीतिक गणित बदल सकता है।वैसे भी पिछले कुछ माह से नीतीश कुमार और भाजपा के बीच रिश्तों में खटास आई है।विधान सभा अध्यक्ष प्रकरण हो या शराबबंदी का मुद्दा- भाजपा से रिश्ते में दरार स्पष्ट दिखने लगी है।
पीके का नीतीश कुमार से मिलना,पीके का कांग्रेस से जुड़ना,पीके का ममता बनर्जी का काम देखना आदि राजनीतिक घटनाक्रम भी यह संकेत दे रहा है कि नीतीश कुमार को भाजपा-विरोधी फोल्ड में लाने की कोशिशें चल रही हैं।
इधर,शुक्रवार को ही चारा घोटाले के पांच मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिली है।जेल से बाहर आने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बयान और उनके राजनीतिक इशारे का इंतजार है।इतना तय है कि लालू प्रसाद जो भी इशारा करेंगें उसके सामने जगतानंद सिंह का बयान कोई मायने नहीं रखता है।कांग्रेस के साथ ऐसा हाल में देखा जा चुका है।बिहार कांग्रेस के नेता राजद से संबंध तोड़ने की बात दोहराते रहे और लालू प्रसाद बिहार कांग्रेस को कोसते हुए कांग्रेस आलाकमान को अपने पाले में कर लिया। इसलिए राजनीतिक पंडितों का भी मानना है कि महागठबंधन में नीतीश कुमार की वापसी से संबंधित अटकलबाजियों के बीच लालू प्रसाद की इन्ट्री का अभी इंतजार कर लेना बेहतर है।

 

 

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