मुख्यमंत्री का निर्देश,सड़क मेंटेनेंस विभाग द्वारा ही किया जाय

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Road Maintenance

संवाददाता.पटना.पथ निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अच्छी सड़कें, पुलों एवं भवनों का बेहतर निर्माण करने के साथ-साथ उसका ठीक ढंग से मेंटेनेंस करना भी हमलोगों का उदे्दश्य है। सड़कों की मेंटेनेंस पालिसी को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया गया है ताकि सड़कों के रखरखाव संबंधी लोगों के शिकायतों का निवारण हो सके। सड़कें मेंटेन रहेंगी तो अच्छी दिखेंगी और आवागमन भी सुलभ होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मेंटेनेंस का काम विभाग द्वारा ही किया जाय।
शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग एवं भवन निर्माण विभाग की मेंटेनेंस पॉलिसी से संबंधित समीक्षा बैठक की।
     बैठक में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि राज्य में अच्छी सड़कों एवं पुल-पुलियों के निर्माण से ट्रेवल टाइम में कमी आई है तथा शिक्षा, व्यापार, कृषि आदि क्षेत्रों में चहुंमुखी विकास परिलक्षित हुआ है। 21 फरवरी 2013 को ओ0पी0आर0एम0सी0 (आउटपुट एण्ड परफार्मेंस बेस्ड रोड ऐसेट मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट) लाया गया। वर्ष 2018 में ओ0पी0आर0एम0सी0 सेकंड फेज सात वर्षों के लिए लागू की गयी। उन्होंने क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्तर पर मेंटेनेंस को लेकर सक्रिय एवं प्रभावी अनुश्रवण के संबंध में भी जानकारी दी।
ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बिहार ग्रामीण पथ विभागीय अनुरक्षण नीति की कार्य योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक लाख बीस हजार छह सौ किलोमीटर ग्रामीण पथ स्वीकृत हैं जिसमें एक लाख दो हजार किलोमीटर पथ निर्मित किया जा चुका है और अठारह हजार छह सौ किलोमीटर पथ निर्माणाधीन है। उन्होंने पथों के बेहतर मेंटेनेंस के लिए प्रभावी अनुश्रवण के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने सरकारी भवनों के मेंटेनेंस के संबंध में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मेंटेनेंस का काम विभाग द्वारा ही किया जाय। पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग एवं भवन निर्माण विभाग जल्द से जल्द विभागीय अनुरक्षण नीति की कार्य योजना बनाये। विभाग के इंजीनियर पथों के मेंटेनेंस में सक्रिय भूमिका निभायें, इससे खर्च में कमी आएगी साथ ही कार्य की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक निरीक्षण ठीक ढंग से करें। विभागीय स्तर से सड़कों का बेहतर मेंटेनेंस किये जाने से इंजीनियरों की समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीआरएमसी के तहत जिन्हें मेंटेनेंस की जिम्मेवारी दी गयी है, उन सबकी सतत निगरानी करें। मेंटेनेंस को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही न हो, जो भी इसमें लापरवाही बरतते हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई करें। पुलों का मेंटेनेंस हमेशा होना चाहिए। पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग आपस में विचार कर ब्रिज मेंटेनेंस पालिसी जल्द तैयार करें। उन्होंने कहा कि पहले सरकारी भवनों की क्या स्थिति थी, यह सभी जानते हैं। हमलोगों ने इसे मेंटेन कर बेहतर बनाया है।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एस0 सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि सहित अन्य वरीय अधिकारी जुड़े हुए थे।

 

 

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