आत्मा और परमात्मा के बीच श्रीमद्भागवत दर्पण हितोपदेश

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Hitopadesh

संवाददाता.पटना. कला मंच बाकरगंज पटना मैं आयोजित भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास पंडित विप्लव कौशिक ने भगवान कृष्ण का नामकरण संस्कार बाल लीलाओं का वर्णन किया।
उन्होंने बताया कि माखन चोरी एवं चीर हरण लीला से यह संदेश दिया चीर हरण लीला कोई स्त्री लंपटता नहीं है।क्योंकि जिस समय भगवान कृष्ण ने गोपियों का चीर चुराया उस समय उनकी उम्र 4 वर्ष से अधिक नहीं थी। और 4 वर्ष के बच्चे के मन में कामवासना के विचार नहीं होते। इसे रामकृष्ण की दृष्टि जिस प्रकार नवजात शिशु जन्म लेने के तुरंत बाद पहली बार जब अपनी आंखें खोलता है उस समय उसकी दृष्टि जितनी पवित्र शुद्ध निर्मल  निश्छल सम भोली होती है उतनी पवित्र दृष्टि शुद्ध दृष्टि भगवान राम और कृष्ण की पूरे जीवन रही।गोपिया ने सोचा परमात्मा तो सब के पति हैं इसलिए सभी गोपियां निसंकोच जल से बाहर आई और कृष्ण ने सब को वस्त्र अर्पित कर दिए।

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