विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज राजद छोड़ जदयू में हुए शामिल

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Salim Parvez

संवाददाता.पटना.बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज की जदयू में घर वापसी हुई है।श्री परवेज राजद छोड़कर जदयू में आए हैं। इससे पहले वे जेडीयू में ही थे। बिहार विधान परिषद में उपसभापति थे।जदयू में शामिल होने के पश्चात सलीम परवेज ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात की।
  गौरतलब है कि बिहार में विधान सभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव के समय श्री परवेज के पार्टी छोड़ने से राजद को झटका लगा है।विगत आमचुनाव में जदयू ने 11 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे थे जिसमें किसी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली थी।उपचुनाव में भी जेडीयू की चिंता मुस्लिम वोट बैंक को लेकर बनी हुई है।ऐसी स्थिति में सलीम परवेज का जेडीयू में आना पार्टी की चिंता को कम कर सकता है।
जेडीयू में वापस आते ही सलीम परवेज ने मांग उठाई कि नीतीश को नोबल पुरस्कार दिया जाए। सलीम ने उस समय राजद छोड़ने की घोषणा की थी, जब शहाबुद्दीन का इलाज दिल्ली में चल रहा था। लालू परिवार से कोई न अस्पताल में शहाबुद्दीन को देखने पहुंचा और न उनकी अंतिम यात्रा में कोई शामिल हुआ था। अब जेडीयू में आकर सलीम परवेज दोनों विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे। वे चुनाव प्रचार में वोटर्स के बीच राजद और जेडीयू के बीच फर्क भी बताएंगे।
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि लालू-राबड़ी के राज में मॉल की घेराबंदी होती थी, लेकिन नीतीश कुमार के राज में कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई गई। ये कब्रिस्तान विवाद के कारण थे। नीतीश कुमार ही बिहार में अल्पसंख्यकों के सबसे बड़े रक्षक हैं। नीतीश के राज में एक जगह भी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ ज्यादती नहीं हुई। सेक्यूलरिज्म बिहार में तब तक जीवित है जब तक नीतीश कुमार हैं।

 

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